एक ऐसा 'काला ताजमहल', जहां से निकला सफेद ताजमहल का आइडिया, जानें रहस्य
मोहब्बत की निशानी और दुनिया के सात अजूबों में शामिल ताजमहल का नाम सुनते ही आगरा के ताजमहल की तस्वीर लोगों के दिमाग में घूमने लगती है.
इसके बारे में आपने किताबों में बहुत कुछ पढ़ा होगा. वहीं, कई लोगों ने सफेद मार्बल से बने हुए ताजमहल की सुंदरता का आनंद भी लिया होगा.
आज भी मुगल शासकों द्वारा निर्मित कई महल सुंदरता का केंद्र बने हुए हैं. वहीं, मध्य प्रदेश का बुरहानपुर जिला भी मुगल शासकों का एक बड़ा केंद्र था.
यहां सबसे पहले ताजमहल का निर्माण कराया गया था, जिसे काला ताजमहल के नाम से जाना जाता है. कहा जाता है कि आगरा के विश्व प्रसिद्ध ताजमहल का निर्माण भी इसी डिजाइन पर किया गया था.
आज हम आपको मध्य प्रदेश के बुरहानपुर के खास धरोहर ‘काला ताजमहल’ के बारे में बताएंगे.
यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल आगरा के ताजमहल के बारे में सभी लोग जानते हैं. उत्तर प्रदेश के आगरा में यमुना नदी के किनारे स्थित सफेद संगमरमर वाला ताजमहल दुनिया भर में मशहूर है.
सफेद संगमरमर से निर्मित यह ताजमहल यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों की सूची में दूसरे स्थान पर है.
वहीं, मध्य प्रदेश के बुरहानपुर रेलवे स्टेशन से लगभग 7 किलोमीटर दूरी पर ‘काला ताजमहल’ बना हुआ है. इस ‘काला ताजमहल’ के बारे में बहुत ही कम लोग जानते हैं.
जानकारी के अनुसार 1623 में ‘काला ताजमहल’ का निर्माण उतावली नदी के किनारे किया गया था. यह ‘काला ताजमहल’ शाहनवाज खान और उसकी पत्नी के प्रेम का प्रतीक माना जाता है.
कहा जाता है कि इस ‘काला ताजमहल’ के निर्माण के बाद ही उसकी डिजाइन पर आगरा में ताजमहल बनवाया गया था. वहीं, इतिहासकार कमरुद्दीन फलक ने ‘काला ताजमहल’ को लेकर बताया कि यह शाहनवाज खान का मकबरा है.
उन्होंने बताया कि शाहनवाज खान एक टाइटल था, जिसे मुगल शासक जहांगीर ने दिया था. उनका वास्तविक नाम इरज खान था. इरज खान जहांगीर के बहुत ही कुशल सेनापति थे.