भारत में ड्राईफ्रूट्स का नाम आते ही काजू, किशमिश, अखरोट, बादाम, अंजीर का जिक्र होता है. इसमें तमाम पौष्टिक तत्व होते हैं जो सेहत के लिए काफी फायदेमंद हैं.
लेकिन काफी कम लोगों को ही पता है कि अंजीर वास्तव में मांसाहारी फल है. आइये बताते हैं इस दावे के पीछे का फैक्ट.
दरअसल जिस प्रक्रिया से गुजरकर अंजीर का फल तैयार होता है, उसकी वजह से यह नॉन वेजिटेरियन फ्रूट कंसीडर किया जाता है.
अंजीर को तैयार करने में ततैया का बहुत महत्वपूर्ण किरदार होता है. कह सकते हैं कि अंजीर और ततैया एक-दूसरे पर निर्भर करते हैं.
ततैया अंडे देने के लिए अंजीर के अंदर प्रवेश करती है और सारा पराग ले जाती है. ततैया जब अंदर घूमती है तो पिछले अंजीर के पराग नए अंजीर के फूल में फैलती है और पॉलीनेशन होता है.
ततैया अपने अंडे अंजीर के अंदर देती है और लार्वा अंजीर के भीतर ही विकसित होता है. लेकिन उसके बाद कभी बाहर नहीं आ पाती.
मरने के बाद, उनके शरीर अंजीर के एंजाइमों द्वारा टूट जाते हैं और अंजीर द्वारा पोषक तत्वों के रूप में अवशोषित हो जाते हैं.
इसी कारण से अंजीर को नॉन वेजिटेरियन फल के तौर पर देखा जाता है. अंजीर ऐसा ही एक ड्राई फ्रूट है, जिसे खाने से दोगुने फायदे होते हैं.