ऐसा कहा जाता है कि इस शुभ अवसर पर लोग 56 व 108 तरह के पकवान बनाकर कान्हा को चढ़ाते हैं और उनकी विधिवत पूजा करते हैं. इन्हीं पकवानों को 'अन्नकूट' कहा जाता है.
भारी बारिश से ब्रजवासियों को बचाने के लिए श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को पूरे 7 दिनों तक बिना कुछ खाए पिए उठाए रखा. इसके बाद इंद्रदेव को इसका पछतावा हुआ और उन्होंने श्रीकृष्ण से क्षमा मांगी .
इस दिन दिन कृष्ण ने देवराज इंद्र के अभिमान को पूरी तरह से समाप्त कर दिया था और गोवर्धन पर्वत के नीचे समूचे वृंदावनवासियों को शरण देकर उनकी भारी बारिश से रक्षा की थी.