भारत के इस गांव में मनाया जाता है अंधकार का जश्न, जानें क्या है इसकी कहानी
हनले एक ऐसा गांव है, जहां अंधकार को न केवल स्वीकार किया जाता है, बल्कि उसे जश्न की तरह मनाया जाता है.
यह गांव भारत के पहले 'डार्क स्काई रिजर्व' का घर है, जो सिर्फ प्रकाश से नहीं, बल्कि तारों की दुनिया से सजीव है.
भारत-चीन सीमा के पास बसा हनले गांव, जहां की रातें तारों की एक अद्भुत चादर में लिपटी होती हैं.
यहां के स्थानीय निवासी, जिन्हें 'एस्ट्रो-एंबेसडर' कहा जाता है, अपने आधुनिक टेलीस्कोप के साथ तारों की अद्भुतता को पर्यटकों के सामने पेश करते हैं.
जब बाकी देश रोशनी के दीवाने होते हैं, तो हनले के लोग अंधकार का स्वागत करते हैं.
इस अनोखी परियोजना का श्रेय प्रोफेसर अन्नपूर्णी सुबरामण्यम और उनकी टीम को जाता है. वह कहती हैं, "हनले भारत का ब्रह्मांड में प्रवेश द्वार है."
हनले डार्क स्काई रिजर्व (HDSR) का मुख्य उद्देश्य रात के अंधकार को बनाए रखना है. यहां के लोग अब न केवल तारों का अवलोकन कर रहे हैं, बल्कि पर्यटकों को भी इसकी जादुई दुनिया से जोड़ रहे हैं.
हनले गांव एक अद्भुत मिसाल है कि अंधकार केवल एक कमी नहीं, बल्कि एक अनमोल संसाधन है. यह हमें सिखाता है कि विज्ञान, समुदाय और पर्यावरण के बीच एक विशेष संबंध बनाया जा सकता है.
यहां की रातें केवल तारों से नहीं, बल्कि उम्मीदों और सपनों से भी जगमगाती हैं.