छठ पूजा में 'दूध' से क्यों दिया जाता है सूर्य देव को अर्घ्य

लोक आस्था का महापर्व छठ इस साल 5 नवंबर को नहाय-खाय के साथ शुरू होने वाला है. 

छठ पूजा के दूसरे दिन खरना पूजा होती है. इस साल खरना पूजा 6 नवंबर को है.

खरना के दिन छठ व्रती महिलाएं छठी मैया को खीर और पूड़ी का भोग लगाती हैं. 

छठ पूजा के तीसरे दिन डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. इस साल यह अर्घ्य 7 नवंबर को दिया जाएगा. 

छठ पूजा के चौथे दिन उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. इस दिन सूर्य को जल से अलावा दूध से भी अर्घ्य दिया जाता है.

छठ पूजा के चौथे दिन उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. इस दिन सूर्य को जल से अलावा दूध से भी अर्घ्य दिया जाता है.

छठ के दिन सूर्य देव को अर्घ्य देने के लिए पहले एक पान का पत्ता लें. फिर, उसके ऊपर एक सुपारी रखकर व्रती महिलाएं उसे सूर्य भगवान को अर्पित करें. 

सूर्य देव को दूध से अर्घ्य देने के लिए पीतल का एक छोटा लोटा लें और उसमें गाय का दूध डालकर सूर्य देव को अर्पित करें. 

ध्यान रहे कि सूर्य देव को दूध से अर्घ्य देते समय उसमें पानी बिल्कुल भी न मिलाएं.