एक न एक दिन धरती पर जीवन का अंत होना तय है. लेकिन कैसे? इस बारे में वैज्ञानिकों ने पता लगा लिया है. आइए जानते हैं. 

रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका की स्पेस एजेंसी नासा के अंतरिक्ष वैज्ञानिकों ने पूर्वानुमान लगाया है कि सभी तारों की तरह सूर्य की ऊर्जा भी एक दिन खत्म हो जाएगी

वैज्ञानिकों का मानना है कि सूर्य अभी अपने जीवनकाल के आधे से भी कम समय में है और श्वेत वामन बनने से बनने से पहले यह 5 अरब वर्ष और जीवित रहेगा.

इसके साथ ही ब्रिस्टल विश्वविद्यालय के शोधार्थी डॉ. अलेक्जेंडर ने दावा किया है कि धरती के महाद्वीप धीरे-धीरे आपस में बहकर सुपरकॉन्टिनेंट का निर्माण करेंगे.

इससे जलवायु बदल जाएगी, जल निकायों की कमी होगी और गर्मी बढ़ जाएगी सूर्य और Co2 इस मुश्किल को और बढ़ाएंगे.

कंप्यूटर मॉडल के हिसाब से बताया गया है कि ऐसा दस लाख या उससे अधिक सालों में हो सकता है जब सूर्य अधिक चमकीला हो जाएगा.

इससे धरती पर ऊर्जा बढ़ेगी, ज्वालामुखी गतिविधि होगी और Co2 का प्रभाव बढ़ेगा.  तापमान ज्यादा होने से इंसान और जीव मरना शुरू कर देंगे.

वैज्ञानिकों का अनुमान है कि उस वक्त धरती पर Co2  की मात्रा 600 पीपीएम से अधिक होगी जो अभी 400 पीपीएम से कम है.