बेगम मुमताज महल की याद में बनाया गया मोहब्बत का अजीम शाहकार आगरा का ताजमहल दुनिया के 7 अजूबों में से एक है.
ताजमहल को सफेद रंग के संगमरमर के पत्थर से बनाया गया है. इसकी खूबसूरती को देखने के लिए हजारों की संख्या में लोग आते है.
लेकिन क्या आप जानते हैं कि ताजमहल में न कभी लाइटिंग होती है न ही कभी इसे सजाया जाता है. आइए जानते हैं इसका कारण
ऐसा नहीं है कि ताजमहल में कभी लाइटिंग नहीं की गई है. दो बार ताजमहल दूधिया रोशनी से नहाया है.
कहा जाता है कि ताजमहल को सबसे पहले द्वितीय विश्व युद्ध के समय दूधिया रोशनी से नहलाया गया था.
एक बार 8 मई 1945 को मित्र देशों ने यहां पर विजय दिवस मनाया था. उसी दिन ताजमहल पर रोशनी की गई थी.
20 से 24 मार्च 1997 को इस पर आखिरी बार लाइटिंग की गई थी. वहीं इस कार्यक्रम में प्रसिद्ध ग्रीक पियानोबादक यान्नी ने प्रदर्शन किया था.
हालांकि इस शो के बाद ताजमहल के अंदर कीड़े मरे हुए पाए गए थे, जिससे इसकी लाइटिंग बंद कर दी गई थी.
आपको बता दें 24 मार्च 1998 को सुप्रीम कोर्ट ने ताजमहल के 500 मीटर के भीतर कार्यक्रम पर रोक लगा दी थी.