आखिर क्यों पूजा-पाठ में इस्तेमाल किया जाता है नारियल? जानिए धार्मिक महत्व
हिंदू धर्म में नारियल का इस्तेमाल पूजा-पाठ या शुभ कार्यों में किया जाता है. इसको श्रीफल भी कहा जाता है.
आदिकाल से ही नारियल का हिंदू धर्म के सभी शुभ कार्य में इसके बिना पूजा अधूरी मानी जाती है.
लेकिन क्या आपका मालूम है कि पूजा-पाठ में नारियल का इस्तेमाल क्यों किया जाता है. चलिए जानते हैं.
मान्यता है कि भगवान विष्णु धरती पर अवतरित होते समय मां लक्ष्मी, नारियल का वृक्ष और कामधेनु को अपने साथ ले आए थे.
इसके अलावा कोई भी पूजा और अनुष्ठान बिना गणेश और लक्ष्मी के आशीर्वाद के बिना संपन्न नहीं हो सकता.
गणेश जी की मौजूदगी के लिए पूजा में सुपारी रखा जाता है तो लक्ष्मी की कृपा के लिए नारियल. इसे सभी फलों में श्रेष्ठ माना गया है.
नारियल के पेड़ को कल्पवृक्ष भी कहा जाता है जिसमें त्रिदेव बह्मा, विष्णु और महेश का वास माना जाता है.
इसके अलावा नारियल पर बने तीन चिह्न की तुलना भगवान शिव के त्रिनेत्र से की जाती है.
यही वजह है कि नारियल को बहुत शुभ माना जाता है और पूजा-पाठ में प्रयोग किया जाता है.