देश में कालाधन (Black Money) रोकने और डिजिटल इकनॉमी (Digital Economy) को बढ़ावा देने के लिए भारत में कई बार नोटबंदी (Demonetisation) की जा चुकी है.
रिजर्व बैंक की ओर से 10 हजार रुपये के नोट छापे गए थे. इसके साथ ही 10 रुपये के नोट और 5 रुपये के नोट छापे गए थे. फिर 1954 में 1000 और 5000 रुपये के नोट छापे गए.
फिर तत्कालीन जनता पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार ने 16 जनवरी 1978 को 1000 रुपये, 5000 रुपये और 10000 हजार रुपये के नोटों को बंद करने की घोषणा की.
इसके बाद मोदी सरकार ने 8 नवंबर 2016 को 500 और 1000 रुपये के नोट को बंद करने का फैसला लिया था. इस फैसले के बाद 2000-500 रुपये के नोट को जारी किया गया था.