सिख धर्म के लोगों के लिए करतारपुर साहिब गुरुद्वारा एक पवित्र स्थान है. यहां गुरु नानकदेव जी ने अपने जीवन के अंतिम दिनों को बिताया था.

पाकिस्तान में सिख धर्म के दो प्रमुख स्थल हैं एक ननकाना साहिब, दूसरा करतारपुर. ननकाना साहिब लाहौर से करीब 75 किलोमीटर दूर स्थित है,

वहीं करतारपुर साहब भारत पाकिस्तान की सीमा से 5 किलोमीटर दूरी पर स्थित है, इसी वजह से यह गुरुद्वारा पूरी दुनिया में मशहूर है.

आपको बता दें पाकिस्तान की सरहद के अंदर मौजूद करतारपुर साहिब दुनिया का सबसे बड़ा गुरुद्वारा कहा जाता है.

लेकिन क्या आप जानते हैं पाकिस्तान में मौजूद करतारपुर साहिब गुरुद्वारा जाने के लिए आपको वीजा लेने की जरूरत नहीं है सिर्फ वैलिड पासपोर्ट की जरूरत होती है.

गुरुद्वारा जाने वाले लोगों को सबसे पहले ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करना होता है और प्रूफ के तौर पर पासपोर्ट ले जाना जरूरी होता है.

इसके साथ ही यहां जाने के लिए पाकिस्तान की तरफ से तीर्थयात्रियों को 20 अमेरिकी डॉलर का सेवा शुल्क लगाया जाता है.

करतारपुर साहिब गुरुद्वारा जाने वालों को ईमेल करना होता है फिट इलेक्ट्रॉनिक यात्रा प्राधिकरण के माध्यम से अनुमति दी जाती है और उन्हें यात्रा करते समय इसकी एक कॉपी साथ रखनी होती है.

तीर्थयातियों के पास वैलिड पासपोर्ट ब्लड ग्रुप की जानकारी, पासपोर्ट साइज फोटो की स्कैन कॉपी और पासपोर्ट की स्कैन कॉपी जरूरी है.

अगर आप करतारपुर जाने का प्लान बना रहे हैं तो सबसे पहले इसके लिए रजिस्ट्रेशन करवा लें. इसके लिए आपको https://prakashpurb550.mha.gov.in वेबसाइट पर जाना होगा.

यह फार्म भरने और डॉक्यूमेंट अपलोड करने के बाद SMS/MAIL के जरिए आपको इलेक्ट्रॉनिक ट्रैवल ऑथोराइजेशन किया जाता है. यह सबसे जरूरी होता है.