शुरुआती बल्ब ऐसे बनाए जाते थे कि वो लंबा चलें यानि कई साल. लेकिन 1920 के दशक में दुनियाभर में बिजली के बल्ब बनाने वाली कंपनियों के कार्टेल ने तय किया ऐसे बल्ब बनाए जाएं तो 1500 घंटे से ज्यादा नहीं चले. ताकि उनके खराब होने पर ग्राहक फिर नया बल्ब खरीदे.