दुनियाभर में एक से बढ़कर एक खतरनाक बीमारियां सुनने को मिलती हैं. लेकिन मेडिकल साइंस के पास
हर बीमारी का इलाज भी है.
वहीं दूसरी तरफ खतरनाक बीमारियों का इलाज भी काफी महंगा होता है, जिसकी वजह से अलग-अलग इलाकों के लोग देशी इलाज करने के तरीके आज भी देखते हैं.
ऐसी ही अजीबोगरीब इलाज के बारे में बताने जा रहे हैं. इस तरीके से कैंसर, बांझपन, डिप्रेशन, अल्जाइमर सहित कई अन्य बीमारियों के ठीक होने का दावा किया जाता है.
अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर वो तरीका क्या है, जिसमें जहर दिया जाता है? ऐसे में बता दें कि इसे कंबो पद्धति यानी कंबो ट्रीटमेंट कहा जाता है.
कंबो ट्रीटमेंट अमूमन अमेजन नदी के आसपास के देशों में इस्तेमाल होता है. ब्राजील-पेरू में इसे vaccine of the forest कहा जाता है.
कंबो ट्रीटमेंट उन लोगों को दिया जाता है, जो गंभीर बीमारियों या बांझपन जैसी समस्याओं से ग्रसित हैं.
इसमें कंबो मेंढक के जहर से शरीर की बीमारी खत्म करते हैं. कंबो मेंढक (Kambo Frog) अमेजन के जंगलों में मिलने वाला मंकी फ्रॉग है.
ट्रीटमेंट से पहले मरीज को 1 लीटर पानी या कसावा सूप पिलाते हैं. फिर उसके कंधे, हाथ या गले के पास गर्म रॉड से जलाकर जख्म बनाते हैं.
जले हुए जख्म में मेंढक का जहर भर दिया जाता है, जो खून के जरिये पूरे शरीर में फैल जाता है. इससे मरीज की हालत पागल जैसी हो जाती है.
मरीज उल्टी-दस्त करता है और उसे पेशाब आने, चक्कर आने से लेकर पेट में तेज दर्द और हाई ब्लड प्रेशर जैसी तमाम शिकायत होने लगती हैं.
मरीज की खराब हालत 5 से 30 मिनट तक रहती है. इस दौरान शरीर ठंडा रखने के लिए दर्द से बेहाल मरीज को नदी में लेटा दिया जाता है.
दावा है कि जहर शरीर में फैलकर बीमारी को खत्म कर देता है. फिर जहर बाहर निकालने के लिए मरीज को पानी या चाय पिलाई जाती है.