कभी सोचा है आखिर सर्दियों में ही क्यों होता है पॉल्यूशन? यहां पर जान लें

सर्दी में तापमान कम होने के कारण हवा ठंडी हो जाती है. ठंडी हवा गर्म हवा की तुलना में भारी होती है और नीचे की ओर डूबती है.

इससे हवा की वर्टिकल स्पीड कम हो जाती है और प्रदूषित तत्व हवा में ही फंसे रह जाते हैं. इसके अलावा सर्दियों में हवा में नमी कम होती है.

नमी प्रदूषित कणों को आपस में चिपकाने में मदद करती है और उन्हें जमीन पर गिरने में मदद करती है, लेकिन जब नमी कम होती है तो प्रदूषक कण हवा में ही तैरते रहते हैं.

इसके अलावा कभी-कभी एक अजीब सी स्थिति बन जाती है जिसे उलटा तापमान कहते हैं. इसमें ऊंचाई के साथ तापमान बढ़ने लगता है, जबकि आमतौर पर ऊंचाई के साथ तापमान घटता है.

इस स्थिति में गर्म हवा नीचे की ठंडी हवा को दबा देती है जिससे प्रदूषित कण हवा में ही फंसे रह जाते हैं. वहीं सर्दियों में धुंध और कोहरा छाना आम बात है.

ये प्रदूषक कणों को अपने अंदर समेट लेते हैं और हवा में घुल मिल जाते हैं जिससे प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है.

इसके अलावा कई उद्योगों में सर्दियों में उत्पादन बढ़ जाता है जिससे औद्योगिक प्रदूषण भी बढ़ जाता है. साथ ही सर्दियों में किसान खेतों में पराली जलाते हैं

जिससे हवा में बहुत अधिक प्रदूषण फैलता है वहीं ग्रामीण इलाकों में लोग सर्दियों में लकड़ी या गोबर के उपले जलाते हैं जिससे घरों के अंदर और बाहर दोनों जगह प्रदूषण बढ़ जाता है.