धरती के इन दो जगहों के ऊपर से नहीं उड़ते हवाई जहाज, जानें क्या है वजह
आप चाहे तो पूरी दुनिया फ्लाइट से घूम सकते हैं लेकिन आप कभी भी प्रशांत महासागर और हिमालय फ्लाइट से नहीं घूम सकते.
लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर हवाई जहाज प्रशांत महासागर और हिमालय के ऊपर से क्यों नहीं उड़ते हैं?
हवाई जहाजों के प्रशांत महासागर और हिमालय के ऊपर से न उड़ने के पीछे सुरक्षा और तकनीकी कारण होते हैं.
प्रशांत महासागर दुनिया का सबसे बड़ा और गहरा महासागर है. यहां दूर-दूर तक कोई जमीन या एयरपोर्ट नहीं है.
अगर उड़ान के दौरान विमान में कोई खराबी या इमरजेंसी आ जाए, तो उसे पानी में लैंड कराना मुश्किल है.
पायलट और एयरलाइंस सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ऐसे रूट से जाते हैं जहां जमीन या एयरपोर्ट नजदीक हो.
यही वजह है कि प्रशांत महासागर के ऊपर से उड़ने की अनुमति नहीं दी जाती.
इसी तरह हिमालय के ऊपर से भी हवाई जहाज नहीं उड़ते और इसके पीछे भी ऐसा ही कारण है.
हिमालय की चोटियां बहुत ऊंची होती हैं. माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई करीब 30,000 फीट है.
इतनी ऊंचाई पर ऑक्सीजन की कमी होती है और हवा बहुत तेज चलती है जिससे विमान में झटके (टर्बुलेंस) महसूस होते हैं.
हिमालय में फ्लैट जमीन नहीं है और यहां की आबादी भी बहुत कम है. इस वजह से रडार सर्विस कमजोर है. पायलट को जमीन से संपर्क करना मुश्किल हो जाता है.
हिमालय क्षेत्र में भारतीय और चीनी एयर फोर्स की ट्रेनिंग भी होती है. ऐसे में यहां कमर्शियल विमानों का उड़ना मना है.
प्लेन प्रशांत महासागर और हिमालय के ऊपर से इसलिए नहीं उड़ते क्योंकि वहां इमरजेंसी लैंडिंग करना असंभव है और सुरक्षा के लिहाज से यह जोखिम भरा है.