आपको मालूम है माथे पर तिलक के साथ चावल के दाने लगाने का क्या महत्व है? यहां जानें

हिंदु धर्म में पूजा के दौरान हम अपने माथे पर तिलक लगाते हैं किसी भी शुभ काम को करने से पहले हमारे माथे पर तिलक लगाया जाता है. इसको आशीर्वाद का प्रतीक भी माना जाता है. 

तिलक कई सामग्रियों से लगाया जाता है जैसे कुमकुम, चंदन, हल्दी या फिर भस्म. जब भी माथे पक तिलक लगाया जाता है उसके ऊपर अक्षत लगाने से तिलक को पूर्ण माना जाता है. 

भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा नें तिलक के साथ अक्षत लगाने का महत्व बताया है. आइए जानते हैं माथे पर तिलक के साथ अक्षत लगाने के फायदों के बारे में.

तिलक हमेशा माथे के बीचो-बीच लगाया जाता है. ऐसा माना जाता है कि तिलक आपके पूरे शरीर के सातों ऊर्जा केंद्रों को नियंत्रित करने में मदद करता है. 

माथे के बीच में गुरु का स्थान भी होता है, इसलिए माथे पर तिलक लगाने से गुरु को मजबूत किया जा सकता है. इससे हमारे शरीर में ऊर्जा का प्रवाह तेजी से होता है और मन-मस्तिष्क स्वस्थ रहता है.

तिलक के साथ चावल लगाने से आध्यात्मिकता का विकास होता है. यह हमारे जीवन के सभी ग्रहों को संतुलित करने में मदद करता है. प्रत्येक ग्रह कुछ विशिष्ट गुणों, ऊर्जाओं और देवताओं से जुड़ा होता है. 

तिलक पर चावल का प्रयोग उन दिव्य प्रभावों को बढ़ाता है, जो ग्रहों की गति की वजह से संचालित होते हैं. मुख्य रूप से चावल सूर्य की ऊर्जा को केंद्रित करने और पूरे शरीर में फैलाने में मदद करता है.

तिलक के ऊपर लगाए जाने वाले चावल के दाने किसी भी व्यक्ति की जीविका और प्रचुरता का प्रतीक माने जाते हैं और ये सौर ऊर्जा के वाहक बनते हैं. जो भी इस तरह का तिलक लगाता है, उसके जीवन को शक्ति, साहस और दिव्य आशीर्वाद मिलता है.

यदि आप माथे पर तिलक के साथ चावल के कुछ दाने या अक्षत का इस्तेमाल करते हैं तो आपको सम्पन्नता का आशीर्वाद मिलता है और इससे आपके जीवन में धन-धान्य की कभी भी कमी नहीं होती है. 

ज्योतिष के अनुसार अक्षत का अर्थ होता है जिसका कभी नाश न हो. इसी वजह से इसका संबंध धन से होता है. जब आप माथे पर तिलक के साथ अक्षत लगाते हैं तो ये आपका भाग्योदय करता है.