दुनिया की सबसे बड़ी रसोई, जहां रोजाना लाखों लोग फ्री में खाते हैं खाना, जानें नाम

पंजाब के अमृतसर में मौजूद स्वर्ण मंदिर को दुनिया का सबसे ज्यादा देखा जाने वाला धार्मिक स्थान माना गया है.

वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स यूके के मुताबिक यहां हर दिन दुनियाभर से तकरीबन 1 लोग लोग मत्था टेकने के लिए आते हैं. इस जगह की जो सबसे बड़ी खासियत है वो मंदिर का रसोई है. 

यह दुनिया का सबसे बड़ा फ्री किचन माना जाता है. देखते हैं ऐसी ही कुछ खूबियां जो स्वर्ण मंदिर को दूसरे धार्मिक स्थलों से अलग करती हैं. 

सिख धर्म के इतिहास के अनुसार सिखों के पांचवें गुरु अर्जुन देव जी दिसंबर 1588 में लाहौर के एक सूफी संत साईं मिया मीर से हरमंदर साहिब की नींव रखवाई थी. 

इसके लंगर हॉल में हर दिन लगभग 75,000 से 1 लाख लोग नि: शुल्क खाना खाते हैं. धार्मिक मौकों पर ये संख्या लाख से ऊपर चली जाती है. 

लंगर में खिलाया जाने वाला खाना पूरी तरह से शाकाहारी, सादा और ताजा होता है. इसमें आमतौर पर रोटियां, दाल, सब्जी और कुछ मीठा होता है. 

श्रद्धालुओं की संख्या को ध्यान में रखते हुए 12,000 किलो आटे से दिनभर में लगभग 50 क्विंटल गेहूं, 18 क्विंटल दाल, 14 क्विंटल चावल और 7 क्विंटल दूध की खपत होती है. 

खाना पकाने में वॉलंटियरों का महत्वपूर्ण योगदान होता है. इन्हें सेवादार कहते हैं. गुरुद्वारे आने वाले पर्यटकों से लेकर शहर के रहवासी रसोई में अपना हाथ बंटाते हैं. 

इतनी ज्यादा मात्रा में खाना पकाने के लिए साधारण बर्तनों का तो इस्तेमाल हो नहीं सकता. इसके लिए लंगर में सेवादार बड़े-बड़े कुंड या हौद का उपयोग करते हैं. 

लंगर हॉल में सभी लोग पंगतों में बैठते हैं. इनमें जाति, लिंग, धर्म और उम्र का कोई भेद नहीं होता है. जो बोले सो निहाल... के साथ खाने की शुरुआत होती है लेकिन ऐसी कोई बाध्यता नहीं है कि सभी को ये बोलना होगा.