गाना सुनना आखिर किसे पसंद नही होता हैं. वहीं कुछ गाने हमें इतने पसंद होते हैं कि हम बार-बार उसे गाते या सुनते रहते हैं.
हालंकि, किसी गाने को सुनना तो कॉमन बात है लेकिन किसी गाने का हमेशा दिमाग के अंदर बस जाना सही नहीं है.
आपने कभी सोचा है कि आपके साथ ऐसा क्यों होता है कि आप बार-बार एक ही गाने को गुनगुनाते रहते हैं? आइए जानते हैं आखिर इसकी वजह क्या है.
यह साइकोलॉजी है, जिसमें हम हमेशा किसी गाने की धुन की तरफ इतने ज्यादा अट्रैक्ट हो जाते हैं कि बस दिन-रात उसे गाते रहते हैं.
कुछ लोग तो अगर गाने का वीडियो देख लें, तो भी उस वीडियो के ख्यालों में खो जाते हैं. इसे असल में इयरवॉर्म्स नाम से जाना जाता है.
इस समस्या के लिए जिम्मेदार दिमाग का ऑडिटरी कॉर्टेक्स दिमाग का एक ऐसा हिस्सा है जो किसी बात को सुनने के बाद अलग-अलग तरीके से रिएक्ट करता है.
सरल भाषा में कहें तो दिमाग का यह हिस्सा एक गाने को सुनने के बाद यदि आपको पसंद आ जाए तो उसे बार-बार सुनने की कल्पना करता रहता है. यह कल्पना ही उसे गाने को गुनगुनाने के लिए मजबूर करती है.
अक्सर दिमाग में गाने अटक जाते हैं और इंसान उसे बार-बार गाने लगता है कि जिसे इयरवॉर्म या स्टक सॉन्ग सिंड्रोम कहते हैं.
शोधकर्ताओं के मुताबिक, गाना सुनते समय दिमाग का हिस्सा ऑडिटरी कॉर्टेक्स ऐक्टिव हो जाता है और गाने को बार-बार सुनने की कल्पना करता है.
इस समस्या का जोखिम स्ट्रेस में रह रहे लोगों को, ज्यादा इमोशनल लोगों को और चिंता में रहने वाले लोगों को प्रभावित करता है.
वैसे तो इसके कोई खास संकेत नहीं हैं लेकिन हेल्थ एक्सपर्ट कहते हैं, अगर आप 24 घंटे से ज्यादा किसी धुन या गाने को गुनगुना रहे हैं तो यह गंभीर है.