हिंदू धर्म में होने वाली शादियों में कई ऐसे रीति-रिवाज और रस्में हैं, जो सालों से चली आ रही हैं. इन्हीं में से एक है दुल्हन की विदाई के दौरान चावल फेंकने की रस्म.

आपने शादियों में देखा होगा कि दुल्हन विदाई के वक्त अपने घर में पीछे की ओर चावल फेंकती है. क्या आप जानते हैं कि इसके पीछे क्या वजह है. आइये जानते हैं.

दुल्हन की विदाई के दौरान ये रस्म निभाई जाती है. जब दुल्हन घर की दहलीज पार करती है तो परिवार के लोग थाली में चावल लेकर खड़े होते हैं.

इन चावलों को मुट्ठी में भरकर दुल्हन जोर से पीछे की ओर अपने घर में फेंकती है. इस दौरान दुल्हन को पीछे मुड़कर नहीं देखना होता है.

इस रस्म को पांच बार किया जाता है. पीछे खड़े लोग चावल को समेट लेते हैं महिलाएं पल्लू में चावलों को ले लेती हैं और इन्हें दुल्हन के आशीर्वाद के तौर पर संभालकर रखा जाता है.

क्यों निभाई जाती है ये रस्म? बेटी को घर की लक्ष्मी कहते हैं. कहा जाता है कि जब दुल्हन पीछे की ओर अपने घर में चावल फेंकती है, तो इससे उसके घर में हमेशा धन-संपत्ति बनी रहती है.

मान्यता ये भी है कि लड़की भले ही अपने मायके से जा रही हो, लेकिन वो इन चावलों के रूम में अपने मायके के लिए दुआ मांगती रहेगी.

कुछ लोगों को मानना है कि दुल्हन चावल फेंकने से उसके मायके को किसी की बुरी नजर नहीं लगती है. दुल्हन के मायके से जाने के बाद उसके परिवार को नजर से बचाने के लिए इस रस्म को निभाया जाता है.

एक और मान्यता है कि ये एक तरह से दुल्हन के द्वारा अपने घर वालों को धन्यवाद कहने का तरीका है. एक लड़की अपने मायके को इन चावलों के रुप में दुआएं देकर जाती है.