यहां जमीन के अंदर बना हुआ है यह अद्भुत म्यूजियम, छुपा है 2500 सालों का इतिहास

क्या आपको पता है कि भारत का पहला सनकेन म्यूजियम कहां बना है? सनकेन म्यूजियम को जमीन के ऊपर नहीं नीचे बनाया जाता है.

29 जुलाई को दिल्ली के प्रसिद्ध हुमायूं के मकबरे परिसर में भारत का पहला सनकेन म्यूजियम खोला गया था. इस संग्रहालय का उद्घाटन केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने किया था.

म्यूजियम विशेष रूप से अपनी अनोखी संरचना और ऐतिहासिक महत्व के लिए चर्चा में है. यहां 500 से अधिक प्राचीन कलाकृतियां रखी गई हैं. आइए जानते हैं कि ये म्यूजियम खास क्यों है.

सनकेन म्यूजियम के डिजाइन को इस तरह से तैयार किया गया है कि यह पर्यटकों को इतिहास और संस्कृति के करीब लाता है. 

यहां पर प्राचीन भारतीय कला, मूर्तियों, सिक्कों और अन्य ऐतिहासिक वस्तुओं का संग्रह किया गया है. इन कलाकृतियों को डूबा हुआ तरीके से रखा गया है, जिससे यह म्यूजियम एक अनोखा अनुभव प्रदान करता है.

ये अंडरग्राउंड म्यूजियम पूरे दिन में कुछ घंटे ही खुलता है. यानी तीन से चार घंटे के लिए ही खोला जाता है. अंडरग्राउंड म्यूजियम में जाने के लिए टिकट लेनी होगी. म्यूजियम के लिए 50-50 रुपए के तीन अलग-अलग एंट्री टिकट होती है.

हालांकि, इन तीनों स्थलों के लिए एक जॉइंट टिकट भी मिलती है जिसका प्राइस 110 रुपए होता है. 

इस म्यूजियम में हुमायूं से लेकर सूफी संत निजामुद्दीन औलिया, उनके शिष्य और कवि अमीर खुसरो देहलवी के बारे में जानकारी उपलब्ध है. 

हुमायूं का मकबरा के परिसर में लगभग 300 एकड़ के एरिया में पिछले 2500 सालों में हुई खुदाई से मिली वस्तुओं और इतिहास को अंडरग्राउंड म्यूजियम में प्रदर्शित किया गया है. 

हुमायूं का मकबरा नई दिल्ली में एक प्रमुख ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थल के रूप में खड़ा है. इसे 16वीं शताब्दी के मध्य में मुगल सम्राट हुमायूं की पत्नी महार बेगा बेगम ने बनवाया था.