कभी सोचा है सुबह और शाम के समय क्यों बड़ा दिखता है सूरज? यहां जान लीजिए
हमें यह अक्सर लगता है कि सुबह और शाम के वक्त सूरज बहुत बड़ा दिखता है. क्या यह सच है कि सूरज का आकार बदलता है?
तो बता दें ऐसा नहीं है, यह केवल एक ऑप्टिकल इल्यूजन (Optical Deception) है, जो हमारी आंखों और दिमाग की नजर में होने वाली कुछ मानसिक प्रक्रियाओं की वजह से होता है.
जब सूरज सुबह और शाम के समय आसमान में होरिजोन के पास होता है, तो वह बहुत बड़ा दिखाई देता है.
इसे हम होराइजन इल्यूजन (Skyline Deception) या सन्सेट इल्यूजन (Nightfall Deception) के नाम से भी जानते हैं. यह एक visual illusion है, जो ब्रेन की प्रक्रिया और वातावरण की स्थिति के कारण होता है.
दरअसल हमारे ब्रेन को यह लगता है कि सूरज तब दूर होता है जब वो आसमान में ऊंचाई पर होता है, जबकि जब सूरज होरिजोन के पास होता है, इसलिए हमें यह लगने लगता है कि वह बहुत पास है.
इसलिए जब सूरज होरिजोन के पास होता है, तो दिमाग उसे ज्यादा बड़ा और करीब समझता है. हालांकि, असल में सूरज की स्थिति और दूरी में कोई बदलाव नहीं होता,
लेकिन हमारा दिमाग इसे इस तरह से समझता है कि सूरज बड़ा दिखता है. सूरज के पास मौजूद वातावरण, जैसे वायुमंडलीय गैसें, धूल, और जलवाष्प, सूरज की किरणों को फैलाने में मदद करती हैं.
जब सूरज होरिजोन के पास होता है, तो उसकी किरणें पृथ्वी की वायुमंडलीय परत से लंबी दूरी तय करती हैं, जिससे सूरज की रोशनी में ज्यादा फैलाव होता है.
यह सूरज के रंग को भी प्रभावित करता है, जिससे वो ज्यादा लाल, नारंगी या गुलाबी रंग में दिखता है. जब सूरज आसमान की ऊंचाई पर होता है,
तो वायुमंडल की परत छोटी होती है और सूरज की रोशनी का फैलाव कम होता है, जिससे सूरज छोटा और सफेद दिखाई देता है.
जब सूरज होरिजोन के पास होता है, तो उसकी रोशनी पृथ्वी के वायुमंडल में ज्यादा घनत्व वाले हिस्सों से होकर गुजरती है.
इस प्रक्रिया को अपवर्तन (Refraction) कहा जाता है. अपवर्तन की वजह से सूरज की किरणें मुड़ जाती हैं और सूरज का आकार थोड़ा बढ़ा हुआ प्रतीत होता है.