उदयपुर के सिटी पैलेस का निर्माण किसने करवाया था और क्या है इसका इतिहास? जानें
चित्तौड़गढ़ किले में विश्वराज सिंह को 25 नवंबर को पूर्व राजपरिवार के मुखिया के रूप में नियुक्त किया गया. विश्वराज सिंह, मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार के सदस्य हैं.
मेवाड़ परिवार गौरवशाली शासक महाराणा प्रताप का वंशज है.ऐसे में उन्हें गद्दी पर बैठाने की परंपरा निभाई गई.
चित्तौड़गढ़ के उत्तराधिकारी घोषित किए जाने के बाद विश्वराज सिंह उदयपुर के सिटी पैलेस में जाकर ‘धूणी स्थल’ पर नमन करना चाहते थे, लेकिन मौजूदा ट्रस्ट के मुखिया अरविंद सिंह मेवाड़ ने इसे गैरकानूनी घोषित कर दिया.
विश्वराज सिंह मेवाड़ को पैलेस में न जाने मिलने को लेकर उनके समर्थक उदयपुर के सिटी पैलेस के बाहर सड़क पर प्रदर्शन कर रहे हैं.
खुद विश्वराज सिंह मेवाड़ भी वहीं बैठे हैं. ऐसे में आइए जानते हैं कि ये पैलेस किसने बनवाया था और इतिहास क्या है.
सिटी पैलेस कोई एक महल नहीं बल्कि कई पैलेस का समूह है. महाराणा उदय सिंह द्वितीय ने सिटी पैलेस को साल 1559 में बनवाना शुरू किया था, लेकिन वो इसे पूरा नहीं करवा पाए थे.
इसके बाद कई शासकों ने इसे अपने-अपने शासनकाल में बनवाया. महल का निर्माण 11 चरणों में पूरा हुआ. वहीं इस पैलेस को 22 राजाओं ने मिलकर बनाया था.
उदयपुर का सिटी पैलेस नागर, राजपूत और मुगल शैली का मिश्रण है. पूरा बनने में करीब 400 सालों का समय लग गया था.
महल के मुख्य द्वार त्रिपोलिया गेट के सात मेहराब सात राजाओं के वजन के सोने-चांदी को दान में देने का प्रतीक हैं.