भारत के इस गांव को कहा जाता है एशिया का पहला 'Green Village', जानें क्यों
इन दिनों राजधानी दिल्ली से लेकर मुंबई, कोलकाता और चेन्नई राज्यों और शहरों में प्रदूषण की वजह से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
लोगों को प्रदूषण की वजह से सांस लेने में भी काफी मुश्किल हो रही है. लेकिन क्या आप जानते हैं भारत में एक ऐसी जगह है जहां हर तरफ हरियाली है.
वहां के लोग प्रदूषण जैसी चीज से वाकिफ तक नहीं है. यह जगह इतनी स्वच्छ है कि पूरे एशिया का पहला ग्रीन विलेज के नाम से प्रसिद्ध है.
ऐसे में आज हम आपको भारत में मौजूद एशिया के पहले ग्रीन विलेज के बारे में बताने जा रहे हैं. अगर आप भी आने वाले दिनों में घूमने का प्लान बना रहे हैं तो घूमने जा सकते हैं.
एशिया के पहले ग्रीन विलेज का नाम 'खोनोमा' है. यह गांव इस कदर खूबसूरत है कि इसके आगे कश्मीर और स्विट्जरलैंड भी फीका लगता है.
यह खूबसूरत गांव नागालैंड की राजधानी कोहिमा से लगभग 20 किमी की दूरी पर है. चारों ओर हरियाली से घिरा यह गांव पूरे नॉर्थ-ईस्ट की खूबसूरती में चार चांद लगाने का काम करता है.
कहा जाता है कि इस गांव की हवा सीधे स्वर्ग से आती है. पहला ग्रीन विलेज/गांव कितना पुराना है यह भी एक दिलचस्प कहानी है.
इस अद्भुत गांव को लेकर कहा जाता है कि इसका इतिहास लगभग 700 साल से प्राचीन है. इस खूबसूरत गांव में लगभग 600 घर मौजूद हैं और यहां लगभग 3 हजार से अधिक लोग रहते हैं.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस खूबसूरत गांव में के विशेष प्रकार की जनजाति भी रहती है.
खोनोमा गांव एशिया का पहला ग्रीन विलेज ऐसा ही नहीं बना है। यहां आज से नहीं बल्कि वर्षों से पेड़ काटना और शिकार करना माना है. यहां मौजूद 'अंगमी जनजाति' पेड़ और पौधे को काटते नहीं है, बल्कि उनकी सुरक्षा करते हैं.