आपने शायद यह सुना होगा कि तूफान से पहले शांति छा जाती है. यह हिंदी कहावत इतनी प्रसिद्ध है कि इसे कई फिल्मों में भी इस्तेमाल किया गया है. 

लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इस कहावत के पीछे कोई साइंस कारण हो सकता है या फिर यह सिर्फ एक सामान्य कहावत ही है? आइए आपको बताते हैं. 

हिंदी की कहावत है कि "तूफान से पहले की शांति" सिर्फ एक सामान्य कहावत नहीं है, बल्कि इसके पीछे एक गहरा वैज्ञानिक पहलू भी है.

यह विज्ञान हवाओं के दबाव से संबंधित है, जिसके कारण तूफान के आने से पहले एक तरह की शांति महसूस होती है. 

हालांकि, यह जरूरी नहीं कि हर बार तूफान से पहले सन्नाटा हो, क्योंकि यह पैटर्न हमेशा लागू नहीं होता. 

तूफान आने से पहले शांति के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जिनमें से पहला है हवाओं की स्थिति. 

दरअसल, तूफान आने से पहले हवा की चाल कम हो जाती है और इनकी स्थिति में बदलाव होता है. किसी भी तूफान को ईंधन के रूप में गर्म, नम हवा की जरूरत होती है.

ऐसे में ये तूफान बादलों के माध्यम से आसपास के वातावरण से गर्म, नम हवाओं को खींचते हैं यहां तक कि उस दिशा से भी जिस दिशा में तूफान चल रहा है.

ये हवाएं अपने पीछे कम दबाव वाला क्षेत्र बनाती हैं और जब ये हवाएं नीचे की ओर उतरती हैं तो गर्म, शुष्क होकर आसपास के क्षेत्र को ढक देती हैं, साथ ही हवाओं को स्थिर कर देती हैं, जिससे सन्नाटा महसूस होता है. 

तूफान आने से पहले बादलों की गति में भी परिवर्तन होता है, जिससे बादल आकाश के बड़े हिस्से को ढक लेते हैं. इसका परिणाम यह होता है कि ध्वनि में बदलाव होता है और हमें सन्नाटा महसूस होने लगता है.