एक ऐसा अनोखा गांव, जहां शादी होने तक नहीं काट सकते अपनी चोटी, जानें वजह
मध्य प्रदेश में अपनी संस्कृति, अपनी मान्यताएं, रीति रिवाज और परंपराएं है जो इसकी खूबसूरती को और आकर्षित बनाती है.
ऐसे ही सीहोर जिले में एक गांव है जहां अनोखी मान्यता है कि जब तक गांव के बच्चे की शादी नहीं हो जाएगी तब तक वह अपनी चोटी नहीं कटवा सकते हैं.
सदियों से इस गांव के लोग परंपरा को निभाते आ रहे हैं. माना जाता है कि इस गांव में एक सिद्ध संत की गदी है जिसे देवनारायण बाबा के नाम से जाना जाता है.
गांव के लोग उन्हीं की कृपा कहे या फिर खौफ जिसकी वजह से बरसों से चली आ रही परंपरा को निभा रहे हैं. आज इस गांव में जितने भी छोटे बड़े बच्चे हैं किसी भी समाज के है सभी अपनी चोटी रखे हुए है.
इसके पीछे ग्रामीणों का ऐसा भी मानना है कि जो भी बच्चा अपनी शिखा को रखता है. वह कभी बीमार नहीं पड़ते हैं. साथ ही उसकी आयु भी लंबी हो जाती है.
इसलिए कम से कम 21 साल या फिर जब तक शादी नहीं हो जाती तब तक ऐसा करना पड़ता है. इसके बाद चाहे तो युवक चोटी को रख सकते हैं और नहीं चाहे तो फिर कटवा लेते हैं.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जिला मुख्यालय से करीब 30 किलोमीटर दूर स्थित इस गांव में एक और मान्यता है जिसके अनुसार 800 की आबादी वाले इस गांव में हर घर में गाय, भैंस का पालन किया जाता है.
कुछ लोगों ने बीच में ऐसा करने का प्रयास किया था तो उनके धन की हनी हो गई थी माना जाता है कि इससे देव बाबा नाराज हो जाते हैं.
गांव वालों के द्वारा दूध बच तो नहीं पता लेकिन किसी को जरूरत होती है तो फ्री में दे देते हैं इससे उनकी गौ रक्षा और गौ सेवा भी प्रदर्शित होती है.