मान लीजिए आपको 41 साल बाद यह पता चलता है कि जिस व्यक्ति को आप अपने पिता समझते रहे हैं, वह दरअसल आपके असली पिता नहीं है.

जी हां, इन दिनों आजकल ऐसा हो रहा है और यह स्थिति IVF के माध्यम से पैदा हुए बच्चों के संदर्भ में है. इस तरह के मामलों को ‘मेडिकल रेप’ (medical Rape) कहते हैं. 

ऐसा ही एक मामला सामने इन दिनों इंटरनेट पर वायरल है, जिसमें एक अमेरिकी कपल के साथ ठीक वैसा ही धोखा हुआ है. हालांकि इनको मेडिकल रेप का पता 41 साल बाद चला है. 

द इंडिपेंडेंट की एक रिपोर्ट के अनुसार, कैलिफोर्निया में रहने वाले कपल जेन और जॉन रो लंबे समय से शादीशुदा थे, लेकिन उन्हें प्रेग्नेसी में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा था. 

1983 में, उन्होंने लॉस एंजिल्स के IVF विशेषज्ञ से काउंसलिंग लिया, जिन्होंने उन्हें IVF अपनाने का सुझाव दिया. कपल ने तीन बार इस प्रोसेस को आजमाया, लेकिन सफलता नहीं मिली.

लेकिन अंत में, अप्रैल 1984 में जेन ने जुड़वां बच्चों को जन्म दिया, लेकिन दुख की बात है कि नवजात बच्चे एक ही दिन में दम तोड़ गए. 

इसके बावजूद, दंपत्ति ने हार नहीं मानी और IVF के एक और दौर का प्रयास किया. कई परेशानियों के बाद, जेन गर्भवती हो गई और जून 1986 में उसने जुड़वां बेटियों को जन्म दिया. 

इसके बाद  जनवरी 2023 में एक लड़की ने अपनी वंशावली की जांच करने के लिए DNA टेस्ट कराया. नतीजे ने सभी को चौंका दिया.

दरअसल उसका DNA तो उसकी मां से मेल खाता था, लेकिन उसके पिता से नहीं. उलझन में, उसने अपनी मां से पूछा, जो खुद भी हैरान रह गईं. 

जांच में यह सामने आया कि डॉ. डैनजर ने IVF प्रक्रिया के दौरान कपल की अनुमति के बिना और बिना बताये किसी अन्य व्यक्ति के शुक्राणु का इस्तेमाल किया था. 

DNA टेस्ट से एक और चौंकाने वाला तथ्य सामने आया. लड़की के 16 जैविक भाई-बहन थे. रिकॉर्ड से यह पता चला कि इन सभी बच्चों का डीएनए एक ही व्यक्ति से मेल खाता था. 

यह साबित हो गया कि इन सभी माता-पिता ने 1971 और 1992 के बीच डॉ. डैनजर के साथ IVF उपचार करवाया था, और इस दौरान डॉक्टर ने एक ही शुक्राणु दाता का इस्तेमाल किया था.