एक ऐसा अनोखा वैरायटी का गाजर, जो किसानों को बना सकती है मालामाल, जानें कीमत
काले गाजर (Black Carrot) की खेती किसानों के लिए एक लाभकारी अवसर (Profitable Opportunity) बन सकती है.
ये गाजर स्वाद में बढ़िया और स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होती है. झांसी और आसपास के क्षेत्रों में इसकी खेती की जा सकती है, विशेषकर रबी सीजन में.
कृषि वैज्ञानिक के अनुसार, काले गाजर की खेती में कम से कम एक साल का समय लगता है और यह खेतों में जल निकासी का सही प्रबंधन होने पर उगाई जा सकती है.
इसकी सबसे अच्छी वैरायटी 'पूसा कृष्णा' है, जो अगस्त से सितंबर के बीच बोई जा सकती है. तीन से चार महीने में यह फसल तैयार हो जाती है.
काले गाजर में विटामिन A, B, C, और E के साथ-साथ आयरन, तांबा, पोटेशियम और फास्फोरस जैसे पोषक तत्व होते हैं.
यह इम्युनिटी बूस्ट करने के साथ-साथ डायबिटीज, हाई शुगर लेवल और आंखों की बीमारियों के इलाज में भी मददगार है.
इसके सेवन से कैंसर का खतरा भी कम होता है. इसे सब्जी, अचार, मुरब्बा, सलाद, जूस, हलवा या मीठे व्यंजन के रूप में खाया जा सकता है.
काले गाजर की खेती में ज्यादा खर्च नहीं आता और इसे बेचने पर अच्छा लाभ मिलता है.
बाजार में इसकी कीमत 1500 से 2000 रुपये प्रति किलो तक हो सकती है और इसकी बहुत मांग है. इससे किसान अपनी आय दोगुनी कर सकते हैं.