आपको मालूम है आखिर Lohri में क्यों जलाते हैं अग्नि? जान लीजिए इसके पीछे की वजह
लोहड़ी एक प्राचीन त्योहार है, जो खासकर उत्तर भारत में मनाया जाता है. इस दिन अग्नि जलाने की परंपरा है, जो बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है.
यह परंपरा सूर्य देव और अग्नि देवता से जुड़ी हुई है. लोहड़ी की अग्नि को पवित्र माना जाता है और इससे वातावरण की शुद्धि होती है, साथ ही पॉजिटिव एनर्जी का संचार भी होता है.
लोहड़ी की अग्नि में लोग मूंगफली, गजक, तिल, रेवड़ी, पॉपकॉर्न जैसी चीजें अर्पित करते हैं. इसे 'चर्खा चढ़ाना' भी कहा जाता है.
ज्योतिषाचार्य के अनुसार, इन चीजों को अग्नि में डालने से पुण्य की प्राप्ति होती है.
लोग इन चीजों को अग्नि में डालकर सात बार उसकी परिक्रमा करते हैं और सुख-समृद्धि की कामना करते हैं.
इस परिक्रमा के दौरान लोग खुशी और समृद्धि की कामना करते हैं. इसके बाद लोग परिवार और मित्रों के साथ मिलकर ढोल की थाप पर गिद्दा और भांगड़ा करते हैं.
ये पर्व खासकर नये साल के शुरुआत का प्रतीक होता है और किसानों के लिए उनकी फसल के अच्छे होने की खुशी मनाने का अवसर है.
लोहड़ी के इस दिन लोग एक-दूसरे को शुभकामनाएं देते हैं और सेलिब्रेशन का आनंद उठाते हैं.
इस पर्व के साथ जुड़ी सभी परंपराएं और रीति-रिवाज लोग खुशी-खुशी मानते हैं, जिससे एकता और भाईचारे का संदेश मिलता है.