भारत में जमीन की कीमतें लगातार बढ़ रहे हैं, खासकर महानगरों जैसे मुंबई और चेन्नई में रिहाइश के लिए बची हुई भूमि सीमित हो चुकी है.
रिपोर्ट के अनुसार, 2030 तक भारत को अपने नागरिकों की आवासीय आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अतिरिक्त 40 से 80 लाख हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता होगी.
भारत में कृषि योग्य भूमि की कोई कमी नहीं है, और इसका योगदान देश की अर्थव्यवस्था के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में लगभग 15-16% है.
अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, भारत के पास 179.8 मिलियन हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि है, जो दुनियाभर में सबसे अधिक है.
वहीं, संयुक्त राज्य अमेरिका के पास 167.8 मिलियन हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि है, जो चीन से अधिक और भारत से कम है. चीन के पास कुल 165.2 मिलियन हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि है.
भारत ने 2023-24 में कुल 3322.98 लाख टन खाद्यान्न का रिकॉर्ड उत्पादन किया, जिसमें 1378.25 लाख टन चावल, 1132.92 लाख टन गेहूं और 132.59 लाख टन रेपसीड और सरसों शामिल हैं.