श्रीराम प्रकटोत्सव: जानिए— अयोध्‍या में कब अवतरित हुए थे राम, कितने वर्षों तक धरती पर रहे?

AARIKA SINGH

धर्मग्रंथों के अनुसार, भगवान विष्‍णु ने त्रेतायुग में पृथ्वी पर अयोध्‍या में राजा दशरथ के यहां श्रीराम के रूप में अवतार लिया था.

त्रेतायुग में जब रावण-कुंभकरण, मेघनाद और खर-दूषण जैसे राक्षसों ने संसार में त्राहि-त्राहि मचा दी थी, अधर्म बहुत बढ़ गया था, तो भगवान को मनुष्‍य रूप में अवतरित होना पड़ा.

धर्मग्रंथों में वर्णन है कि त्रेतायुग लगभग 12 लाख 96 हजार मानव-वर्षों का होता है, इस लिहाज से रावण की आयु भी कई लाख वर्ष थी.

भगवान विष्‍णु ने श्रीराम का अवतार तब लिया था, जब त्रेतायुग के बीतने में कुछ हजार वर्ष ही शेष रह गए थे, यानी द्वापर युग नजदीक आ गया था.

वाल्मीकि रामायण के अनुसार, श्रीराम पृथ्वी पर लगभग 11 हजार वर्षों तक रहे, उसके बाद वे वापस अपने परम धाम (विष्‍णु-लोक) चले गए थे.

सनातन धर्मग्रंथों के अनुसार, सृष्टिचक्र चार युगों में विभक्त है, पहला है- सतयुग, फिर त्रेतायुग आता है, फिर द्वापर युग आता है, अभी कलयुग चल रहा है.

द्वापर युग की अवधि लगभग 8 लाख मानव-वर्ष होती है, और कलयुग की अवधि 4 लाख 32 हजार वर्ष की होती है

कलयुग शुरू हुए लगभग 5 हजार वर्ष बीते हैं, द्वापर युग 8 लाख वर्षों का था, और श्रीराम का अवतार त्रेतायुग के अंतिम चरण में हुआ था

इस कालगणना के हिसाब से श्रीराम का अवतार अयोध्‍या में लगभग 9 लाख साल पहले (त्रेतायुग में) हुआ होगा.

हाल में पश्चिमी देशों के वैज्ञानिकों ने एक शोध के आधार पर ये निष्‍कर्ष निकाला था कि पृथ्वी पर 9 लाख साल पहले मनुष्‍यों की संख्‍या कुछ लाख ही शेष रह गई थी, उस दौर को रामायण काल से जोड़कर देखा जा रहा है.