माफिया से माननीय और जेल तक का सफर  अतीक अहमद

70 के दशक का गली का गुंडा, 80 में बना माफिया, और 22 में दोषी करार

महज 17 साल की उम्र में तांगेवाले के लड़के अतीक पर लगा हत्या का आरोप

80 के दशक में सियासत के गलियारों में दखल दे दी थी

छोटी सी उम्र में ही 80 से ज्यादा हत्या जैसे कई मामले हो चुके थे दर्ज

सभी गैंगस्टर्स के बीच अतीक की तूती बोलती थी

अतीक पर चांद बाबा की हत्या का आरोप

पहला चुनाव निर्दलिय उम्मीदवार के रूप में लड़ा

सफेद कपड़ों में भी इस माफिया के काम काले ही थे

पांच बार बना था विधायक और 2004 में फूलपुर से सांसद बना

एक तरफ राजनीति का खेल, दूसरी तरफ आरोप बढ़ते जा रहे थे

अतीक पर राजू पाल की हत्या का आरोप

मायावती सरकार में अपराधी घोषित

मायावती ने करवाया था गिरफ्तार और फिर 2014 में अखिलेश सरकार आई तो मिली जमानत

योगी के मुख्यमंत्री बनने के बाद किडनैंपिंग के मामले में गिरफ्तारी हुई

अतीक की 200 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति जब्त और कई अवैध इमारतों को गिराया गया

उमेश पाल अपहरण केस में अतीक अहमद को उम्रकैद की सजा