
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 17 फरवरी 2025 को पंजाब के जल संसाधन विभाग के पूर्व कार्यकारी अभियंता कैलाश कुमार सिंघला के खिलाफ प्रवर्तन मनी लॉन्ड्रिंग अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत अंतरिम रूप से 3.61 करोड़ रुपये की संपत्तियां अटैच की हैं. यह कार्रवाई विपरीत संपत्ति के मामले में की गई है, जिसमें सिंघला पर अत्यधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप है.
ईडी ने कैलाश कुमार सिंघला की चल संपत्तियों (movable properties) और अचल संपत्तियों (immovable properties) को अटैच किया है, जिनकी कुल कीमत 3.61 करोड़ रुपये आंकी गई है. इन संपत्तियों में विभिन्न प्रकार की संपत्तियां शामिल हैं, जिनकी जांच की जा रही है. ईडी ने सिंघला के खिलाफ यह कार्रवाई उनके अनुपातहीन संपत्ति के मामले में की है, जो उनकी वैध आय के मुकाबले बहुत अधिक पाई गई हैं.
जल संसाधन विभाग में अपनी स्थिति का दुरुपयोग किया
ईडी के अधिकारियों का कहना है कि सिंघला ने अपने कार्यकाल के दौरान पंजाब राज्य जल संसाधन विभाग में अपनी स्थिति का दुरुपयोग किया और संपत्ति अर्जित की. जांच में यह बात सामने आई है कि उनकी संपत्ति उनके ज्ञात आय स्रोतों से कहीं अधिक थी. इस मामले में आगे की जांच जारी है और ईडी ने सिंघला के खिलाफ कार्रवाई की गति तेज कर दी है.
ईडी की टीम अब कैलाश कुमार सिंघला की वित्तीय गतिविधियों और संपत्तियों की विस्तृत जांच कर रही है. यह कार्रवाई पारदर्शिता और कानूनी प्रक्रिया के तहत की गई है और इस मामले में कई अन्य आरोपियों के नाम भी सामने आने की संभावना है.
ईडी की इस कार्रवाई को देखते हुए यह स्पष्ट है कि भारतीय जांच एजेंसियां भ्रष्टाचार और अवैध संपत्ति अर्जन के मामलों में और अधिक कठोर कदम उठा रही हैं, ताकि न्यायपूर्ण प्रणाली को सशक्त किया जा सके और सरकारी विभागों में पारदर्शिता लाई जा सके.
-भारत एक्सप्रेस
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