'राजयोग' के लिए किया जाता है इतने वर्ष की कन्या का पूजन
महाअष्टमी पर कन्या पूजन के लिए अभिजित मुहूर्त सुबह 11 बजकर 55 मिनट से दोपहर 12 बजकर 47 मिनट तक है.
अष्टमी तिथि की समाप्ति 16 अप्रैल को दोपहर 1 बजकर 23 मिनट पर होगी. धार्मिक परंपरा के अनुसार, नवरात्रि की अष्टमी तिथि कन्या पूजन के लिए बेहद शुभ और मंगलकारी है.
महाअष्टमी पर आज कन्या पूजन के लिए दो शुभ योग का भी निर्माण हो रहा है. पंचांग के अनुसार, आज सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग बन रहे हैं.
सर्वार्थ सिद्धि योग आज सुबह 5 बजकर 16 मिनट से शुरू हो चुका है. सर्वार्थसिद्धि योग का समापन 17 अप्रैल को सुबह 5 बजकर 33 मिनट पर होगा. कन्या पूजन, इन दोनों ही योगों के दौरान किया जा सकता है.
41 फीट ऊंची और विशाल रावण की ये प्रतिमा लगभग चार सौ साल पुरानी मानी जाती है.
चैत्र नवरात्रि में हर दिन एक-एक और अष्टमी या नवमी को 9 कन्याओं के पूजन का विधान है. 2 से 10 वर्ष तक की कन्या का पूजन करना शुभ और फलदायी माना गया है.
शास्त्रों के अनुसार, 2 वर्ष की कन्या का पूजन करने से दुख और दरिद्रता का नाश होता है. 3 वर्ष की त्रिमूर्ति कन्या का पूजन करने से धन-धान्य में वृद्धि होती है.
4 वर्ष की कल्याणी कन्या का पूजन करने से घर-परिवार से सदस्यों का कल्याण होता है. 5 वर्ष की रोहिणी कन्या का पूजन रोगों के मुक्ति दिलाता है.
8 वर्ष की शांभवी कन्या का पूजन करने से वाद-विवादों में सफलता मिलती है. 9 वर्ष नवदुर्गा कन्या का पूजन करने से शत्रुओं से छुटकारा मिलता है.
10 वर्ष की सुभद्रा कन्या का पूजन करने से मां दुर्गा अपने भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण करती हैं.