ऐसे लोगों से कभी ना करें दोस्ती, जीवन हो जाएगा तबाह

आचार्य चाणक्य ने जीवन जीने की कला के विभिन्न पहलुओं के बारे में बताया है. आचार्य चाणक्य की नीतियां जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने में बेहद सहायक हैं. 

आचार्य चाणक्य ने मूर्ख व्यक्ति को पशु समान बताया है. मनुष्य होकर भी जिनमें बुद्धि और विवेक नहीं है वह पशु के समान होता है. इसलिए इनकी संगत नहीं करनी चाहिए. 

ऐसे लोगों की संगत करने वाला व्यक्ति हमेशा संकटों से घिरा रहता है. चाणक्य कहते हैं कि बुद्धिमान शत्रु अच्छा लेकिन मूर्ख मित्र नहीं. वरना आपका जीवन कष्टों से घिर सकता है.

चाणक्य ने कहा है कि जिस व्यक्ति में स्वभाव अहंकार से भरा हुआ हो और अपने को सबसे ज्ञानी मान बैठा हो, तो उसका साथ कभी नहीं देना चाहिए. ऐसे लोग बिल्ली के समान होते हैं. जिन पर कभी भरोसा नहीं किया जा सकता है. 

यह अपने को बड़ा दिखाने के लिए आपकी छवि खराब कर सकते हैं और आपका अपमान भी कर सकते हैं. इसलिए जिसमें न धन और विद्या का अहंकार हो उससे ही दोस्ती करनी चाहिए. किसी भी हाल में उसका साथ नहीं छोड़ना चाहिए.

जीवन में कभी लोगों को लोभी का साथ कभी नहीं देना चाहिए. हमेशा ऐसे लोगों से दोस्ती करो जो तुम्हारे समान हो. अपने से कमजोर और लोभी व्यक्ति से मित्रता कभी नहीं करना चाहिए. 

लोभी व्यक्ति अपने लाभ के लिए आपको कभी भी छोड़ सकता है और आपके विरोधी से मिलकर आपको नुकसान पहुंचा सकता है. इसलिए जो संतुष्ट हो उसी को साथ रखना चाहिए, लेकिन किसी पर आंख बंद करके भरोसा नहीं करना चाहिए.

आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति में कहा है कि दुर्जन व्यक्ति को अपने साथ कभी नहीं रखना चाहिए. ऐसे लोग सांप से भी ज्यादा खतरनाक होते हैं. 

सांप तो काल के वश में होता है जब व्यक्ति की मृत्यु आती है तभी वह व्यक्ति को काटता है लेकिन दुर्जन व्यक्ति का कोई भरोसा नहीं होता है. 

वह कभी भी, कहीं भी आपको धोखा दे सकता है और आपकी जान ले सकता है. इसलिए हमेशा लोगों को अच्छे और संस्कारी लोगों से ही दोस्ती करें.