इस दिन से शुरू होगा भगवान विष्णु का शयनकाल, फिर 4 महीने बाद जगेंगे श्रीहरि
वैसे तो साल में 24 एकादशी पड़ती है लेकिन इसमें से एक का संबंध भगवान विष्णु की योगनिद्रा से है. आषाढ़ शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन भगवान विष्णु शयन में चले जाते हैं.
भगवान विष्णु का शयन काल चार महीने का होता है. इस दौरान वे पाताल लोक में निवास करते हैं. भगवान विष्णु जब पाताल लोक में योगनिद्रा की स्थिति में होते हैं तो धरती पर किसी भी प्रकार के मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं.
पंचांग के अनुसार, आषाढ़ शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन देवशयनी एकदाशी मनाई जाएगी. इस साल यह संयोग बुधवार, 17 जुलाई को बनने जा रहा है.
सनातन धर्म की मान्यता के अनुसार, देवशयनी एकादशी से ही चातुर्मास की शुरुआत हो जाती है. चातुर्मास में सभी प्रकार के मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है.
देवशनयी एकादशी को हरिशयनी एकादशी, आषाढ़ी एकादशी, पद्मनाभा एकादशी के नाम से भी जाना जाता है. कहते हैं कि जो देवशयनी एकादशी का व्रत करता है उसके नर्क नहीं जाना पड़ता.
पौराणिक मान्यता है कि भगवान विष्णु देवशयनी एकादशी के दिन से पाताल लोक में राजा बलि के यहां योगनिद्रा की स्थिति में रहते हैं. भगवान विष्णु योगनिद्रा से 4 महीने के बाद देव उठनी एकादशी के दिन जगते हैं.
कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी यानी देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु को योगनिद्रा से जगाया जाता है. जब तक भगवान विष्णु योगनिद्रा में होते हैं, उस दौरान सृष्टि का संचालन भगवान शिव करते हैं.