आपको मालूम है कब और क्यों बनाया जाता है उल्टा स्वास्तिक? यहां जानें
हिंदू धर्म में स्वास्तिक के चिन्ह को बहुत ही शुभ और महत्वपूर्ण माना जाता है.
स्वास्तिक का चिन्ह बनाए बिना पूजा-पाठ और धार्मिक काम शुरू नहीं किए जाते.
हिंदू मान्यता है कि स्वास्तिक का चिन्ह जीवन में सुख, समृद्धि और शांति का प्रतीक होता है. वहीं उल्टे स्वास्तिक को लेकर भी कई मान्यताएं है.
हिंदू धर्म में बताया गया है कि उल्टा स्वास्तिक भी बनाया जाता है. ऐसे में आइए जानते हैं कि उल्टा स्वास्तिक कब और क्यों बनाया जाता है.
व्यक्ति जब किसी विशेष समस्या में होता है तो वो उल्टा स्वास्तिक बनाता है. समस्या से बाहर आने के बाद वो उसी जगह जाकर सीधा स्वास्तिक बनाता है.
हालांकि हर जगह उल्टा स्वास्तिक नहीं बनाना चाहिए. उल्टा स्वास्तिक हमेशा धार्मिक जगहों जैसे मंदिर या तीर्थ स्थलों पर ही बनाना चाहिए.
हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार, घर में कभी भूलकर भी उल्टा स्वास्तिक नहीं बनाना चाहिए. घर में उल्टा स्वास्तिक शुभ नहीं होता और इसका फल भी प्राप्त नहीं होता.
कहा जाता है कि घर में जो स्वास्तिक बनाए जाए वो साफ-सुथरा और सुंदर होना चाहिए. साफ-सुथरे और सुंदर स्वास्तिक का घर में प्रभाव सकारात्मक होता है.