क्या आप जानते हैं भगवान शिव किसके मुंडों की माला पहनते हैं? यहां जान लीजिए
आपने देखा होगा कि भगवान शिक हमेशा अपने गले में नरमुंडों की माना पहनते हैं.
अक्सर लोगों के मन में यह सवाल उठता है कि आखिर ये मुंड किसके हैं जिसे शिव गले में धारण करते हैं.
भगवान शिव ने इस रहस्य का खुलासा माता पार्वती के सामने खुद श्रीमद भागवत कथा में किया है.
इसमें बताया है कि यह मुंड किसी और के नहीं, बल्कि खुद पार्वती के हैं.
एक बार नारद मुनि ने सती माता से पूछा कि माता शंकर भगवान अगर आपको सबसे अधिक प्रेम करते हैं तो उनके कंठ पर मुंडों की माला क्यों रहती है.
नारद मुनि के उकसाने पर सती माता ने शिवजी से हठ करके माला का रहस्य जानना चाहा.
काफी समझाने पर सती नहीं मानी तो शिव ने उन्हें बताया कि इस मुंड माला में सभी सिर आपके ही हैं.
शिवजी ने कहा कि यह आपका 108 वां जन्म है. पहले भी आप 107 बार जन्म लेकर शरीर त्याग चुकी हैं. ये मुंड उन्हीं जन्मों का प्रतीक हैं.
सती माता ने शिव से कहा कि मैं तो बार-बार शरीर का त्याग करती हूं लेकिन आप तो त्याग नहीं करते तब शिव ने उनसे कहा कि मुझे अमरकथा का ज्ञान है, इसलिए मुझे बार-बार शरीर का त्याग नहीं करना पड़ता है.
सती ने भी शिव से अमरकथा सुनने की इच्छा प्रकट की. इस पर जब शिव सती को कथा सुना रहे थे तब बीच में ही माता की नींद लग गई इस कारण वो पूरी कथा नहीं सुन पाईं.
और वो अमर नहीं हो सकीं और उन्होने अपने पिता राजा दक्ष के यज्ञ में कूद कर आतम हत्या कर ली.