भगवान का भोग कितनी देर तक रखना चाहिए उनके सामने? जानें

पूजा-पाठ करने के बाद देवी-देवता को पूजा के समय भोग लगाना जरूरी होता है और यह सही विधि से हो यह भी जरूरी है.

भगवान को भोग लगाते समय भोग लगाने का मंत्र पढ़ना बहुत जरूरी है. माना जाता है कि भोग लगाने का मंत्र पढ़ने से ही भगवान भोग स्‍वीकार करते हैं.

लिहाजा भोग लगाते समय इसका मंत्र - 'त्वदीयं वस्तु गोविन्द तुभ्यमेव समर्पये. गृहाण सम्मुखो भूत्वा प्रसीद परमेश्वर...' पढ़ें.

भगवान को भोग लगाते समय इस बात का ध्‍यान रखना जरूरी है कि भोग कितनी देर तक भगवान के सामने रखें.

धर्म-शास्‍त्रों के अनुसार भगवान के सामने से भोग तुरंत ना हटाएं, ना ही बहुत देर तक भोग को भगवान के मंदिर में रखा रहने दें.

बेहतर यही है कि पूजा होने के बाद करीब 5 मिनट तक ही भोग को भगवान के सामने रखें. इसके बाद भोग को उठा लें और उसे प्रसाद के रूप में सभी लोग ग्रहण करें.

घंटों तक भोग को मंदिर में ना रखा रहने दें इससे नकारात्‍मकता बढ़ती है. साथ ही भगवान को भोग लगाने का बर्तन सही होना बहुत जरूरी है.

ध्‍यान रहे कि भगवान को नैवेद्य या भोग सोने, चांदी, तांबे, पीतल या मिट्टी से बने पात्र में रखकर ही अर्पित करें.

पात्र की धातु शुद्ध होनी चाहिए. एल्यूमिनियम, लोहे, स्टील, प्लास्टिक या कांच से बने बर्तन में भोग लगाने की गलती ना करें.

भोग लगाने के बाद प्रसाद ज्‍यादा से ज्‍यादा लोगों में बांटना बहुत शुभ होता है. साथ ही खुद भी प्रसाद जरूर ग्रहण करें.