माता सीता का अपहरण करने के बाद रावण पुष्पक विमान से लंका ले गया था
रास्ते में जटायु ने जब यह देखा तो माता सीता को बचाने की कोशिश की. लेकिन वह माता सीता को बचा न सका
कहते हैं कि पुष्पक विमान की रफ्तार बहुत तेज थी
रावण का वध करने के बाद प्रभु श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण के साथ पुष्पक विमान से लंका से अयोध्या लौटे थे
कहते है कि तकनीक के मामले में यह आज के एयरोप्लेन से कहीं आगे था
पौराणिक कथाओं के मुताबिक पुष्पक विमान को विश्वकर्मा ने बनाया था और कुछ के मुताबिक इसे ब्रह्मा ने बनाया था
इसे बल पूर्वक रावण ने कुबेर से छीन लिया था. पुष्पक विमान की आकृति मोर की तरह थी
कहा जाता है कि यह अग्नि और वायु की उर्जा से उड़ान भरता था. वहीं इसे छोटा और बड़े आकार का भी किया जा सकता था
कहते हैं कि अयोध्या आने के बाद भगवान राम नें पुष्पक विमान कुबेर को वापस कर दिया
इसके बाद वह कुबेर के पास ही रहा