महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर भूलकर भी न चढ़ाएं ये चीजें, वरना नाराज हो जाएंगे भोलेनाथ

26 फरवरी को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाएगा. महाशिवरात्रि का दिन भगवान शिव और मां पार्वती को समर्पित है. 

महाशिवरात्रि के दिन शिव भक्त भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए उन्हें गंगाजल, बेलपत्र, गाय का दूध, भांग और धतूरा समेत अन्य पूजन सामग्री अर्पित करते हैं.

लेकिन शास्त्रों के अनुसार शिवलिंग पर कुछ चीजें जानें-अनजाने में भी नहीं चढ़ानी चाहिए. आइए जानते हैं कौन सी वो चीजें हैं, जिसे भोलेनाथ की पूजा में नहीं अर्पित करना चाहिए...

भगवान शिव की पूजा में हल्दी चढ़ाना वर्जित है. क्योंकि हल्दी श्रृंगार और सौंदर्य से जुड़ी वस्तु है. 

भोलेनाथ को भूलकर भी तुलसी का पत्ता नहीं चढ़ाना चाहिए क्योंकि भगवान शंकर ने वृंदा के पति असुरराज जालंधर का वध किया था. 

भोलेनाथ की पूजा में नारियल का प्रयोग नहीं करना चाहिए. क्योंकि नारियल में मां लक्ष्मी का वास होता है और वो भगवान विष्णु की पत्नी हैं.

भगवान शंकर संन्यासी और तपस्वी हैं. ऐसे में उनकी पूजा में श्रृंगार से जुड़ी वस्तु सिंदूर या कुमकुम नहीं इस्तेमाल करना चाहिए. 

भगवान शिव को केतकी का फूल नहीं चढ़ाना चाहिए. ऐसी मान्यता है केतकी के फूल ने ब्रह्मा जी के झूठ में साथ दिया था. वहीं, केवड़े का फूल, कनेर, कमल और लाल रंग का फूल भी शिव जी को नहीं अर्पित करना चाहिए.

शिव पूजा में शंख वर्जित है. क्योंकि भगवान शिव ने शंखचूड़ नामक राक्षस का वध किया था. उसी की हड्डियों से शंख का निर्माण हुआ.

भगवान शंकर की पूजा में तिल या टूटे अक्षत् का प्रयोग नहीं करना चाहिए, क्योंकि तिल की उत्पत्ति भगवान विष्णु के मैल से हुई थी. वहीं, अक्षत् पूरा होना चाहिए, टूटा नहीं.