चैत्र नवरात्रि में रखते हैं व्रत? जरूर याद रखें ये खास बात

चैत्र नवरात्रि में देवी-पूजन और 9 दिन के व्रत का बहुत महत्व है. मां दुर्गा के नौ रूपों की आराधना का पावन पर्व 9 अप्रैल से शुरू हो रहा है. इन नौ दिनों में व्रत रखने वालों के लिए कुछ नियमों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है. 

नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है. माता के हर रूप का अलग महत्व है. इसलिए मां के हर रूप की पूजा भी विशेष तरीके से की जाती है.

चैत्र नवरात्रि के दौरान व्रत या उपवास करने वालों को रोज सुबह स्नान करना चाहिए. इसके साथ ही साफ-सफाई का खास ख्याल रखना चाहिए. चैत्र नवरात्रि के दौरान सुबह 8 बजे से पहले स्नान कर लेना चाहिए.

नवरात्रि के उपवास के दौरान खान-पान का खास ख्याल रखना चाहिए. खासतौर पर दूध के चुनिंदा अनाज का ही सेवन करना चाहिए. नवरात्रि के दौरान व्रत-उपवास रखने वालों को अनाज और नमक का सेवन नहीं करना चाहिए. 

कूटू के आटे से बनी रोटी, शामक चावल, शामक चावल से बना डोसा, साबूदाना से बनाया खाना, सिंघाड़ा का आटा, राजगीरा, रतालू, अरबी, उबले हुए मीठे आलू यानी शक्कर कंद से बने व्यंजन, फल, आलू, मेवे, मूंगफली आदि खा सकते हैं.

नवरात्रि के दौरान घर में जो भी भोजन सामग्री तैयार किया जाए उसे पहले मां को भोग लगाना चाहिए. व्रत रखने वालों को इस दौरान सात्विक भोजन ही करना चाहिए. हो सके तो दिन में एक बार ही भोजन ग्रहण करें.

अगर नवरात्रि के दौरान व्रत रखते हैं तो सूर्यास्त से पहले भर पेट भोजन ना करें. व्रत के दौरान नॉनवेज, अंडे, शराब, ड्रग्स और धूम्रपान इत्यादि नशीले पदार्थों के बिल्कुल दूर रहें.

विष्णु पुराण के मुताबिक, नवरात्रि व्रत के दौरान दिन में सोने, तम्बाकू चबाने और शारीरिक संबंध बनाने से व्रत का फल नहीं मिलता है. व्रतियों को काले कपड़े और चमड़े की वस्तुओं को नहीं पहनना चाहिए. 

नवरात्रि के दौरान लहसुन, प्याज का सेवन करने से बचना चाहिए. इसके अलावा इस दौरान बाल, दाढ़ी और नाखून काटने से परहेज करना चाहिए.

अगर आप नवरात्रि में कलश स्थापना कर रहे हैं या माता की चौकी का आयोजन कर रहे हैं या फिर अखंड ज्योति जला रहे हैं तो इन दिनों घर खाली छोड़कर ना जाएं.