पापमोचनी एकादशी के दिन पेड़-पौधों के फूलों और पत्तियों को नहीं तोड़ना चाहिए. ध्यान रहे कि भगवान विष्णु की पूजा में चढ़ाने के लिए तुलसी के पत्ते को एकादशी के दिन नहीं तोड़ना चाहिए.
मान्यतानुसार, एकादशी के एक दिन घर में झाड़ू नहीं लगाना चाहिए. इस बारे में कहा जाता है कि चींटी जैसे छोटे जीव मर जाते हैं. जिससे पाप का भागी बनना पड़ता है. इसलिए एकदाशी के दिन ऐसा करने से परहेज करना चाहिए.
कहा जाता है कि नाखून, बाल और दाढ़ी काटने या कटवाने से बचना चाहिए. इसके अलावा इस दिन शारीरिक संबंध बनने से भी बचना चाहिए.
पापमोचनी एकादशी के दिन किसी की बुराई न करें. इसके अलावा इस दिन भूल से भी गरीब और अपने से बड़ों का अपमान नहीं करना चाहिए. इतना ही नहीं, एकादशी के दिन झूठ बोलने से भी परहेज करना चाहिए.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, एकादशी के दिन क्रोध और लड़ाई-झगड़े से भी दूर रहना चाहिए. मन में किसी के प्रति बुरे विचार भी नहीं लाना चाहिए.
एकादशी के दिन भूलकर भी भात (पका हुआ चावल) का सेवन नहीं करना चाहिए. पुराणों के अनुसार, एकदशी के दिन भात खाने से पुण्य कर्म नष्ट हो जाते हैं.
एकादशी का व्रत रखने वालों को दिन के समय सोना नहीं चाहिए. इस दिन भगवान विष्णु की कृपा पाने के लिए भजन-कीर्तन करना चाहिए.
एकादशी के दिन बैंगन, मसूर की दाल और जौ नहीं खाना चाहिए. इसके अलावा एकादशी के दिन पान खाना निषेध है.
एकादशी के दिन नॉनवेज (मांस), शराब, प्याज और लहसुन जैसी तामसिक चीजों का सेवन भूल से भी नहीं करना चाहिए.
एकदशी के दिन किसी दूसरे व्यक्ति से मिले हुए अन्न का ग्रहण नहीं किया जाता है. इस संबंध में मान्यता है कि पुण्य नष्ट हो जाता है.