राहुल गांधी की कुंडली से खुल गया 'राजयोग' का राज

राहुल गांधी की कुंडली के स्वामी शनि देव है क्योंकि इनकी कुंडली मकर लग्न की है और शनि देव चतुर्थ भाव में नीच होकर बैठे हैं.

शनि नीच के कारण उनकी वाणी को असरदार नहीं बनाएगा. यानी, राहुल गांधी अगर किसी से भी कुछ बात करेंगे तो उनकी बातें ज्यादा प्रभावशाली नहीं रहेंगी.

कुंडली में चंद्र देव 11वें घर में वृश्चिक राशि में बैठते हैं जो कि नीच के हैं. यानी उनके विवाह में विलंब रहेगा या विवाह होगा ही नहीं. 

इनके लिए गठबंधन भी ठीक नहीं रहेगा क्योंकि गठबंधन अगर यह किसी भी पक्ष करेंगे तो उसको नुकसान ही होगा. पार्टनरशिप उनके लिए शुभ नहीं रहेगी. जबकि अकेले दम पर ही अच्छा करेंगे.

चतुर्थ भाव का स्वामी मंगल छठवें घर में बैठता है अर्थात इनको शासन सत्ता का सहयोग मिलना मुश्किल है. हो सकता है कि उनके शत्रुओं की संख्या भी ज्यादा हो जिसकी वजह से इनका मन परेशान रह सकता है.

चंद्रमा की नीचता के कारण और चंद्रमा के केंद्रम दोष में फंसे रहने के कारण अलगाववाद में विश्वास रखेंगे और एकाकी जीवन इनको पसंद आएगा. कभी-कभी इनको डिप्रेशन की भी शिकायत हो सकती है. 

 वैसे बुध देव के पंचम भाव में बैठने के कारण यह एक युवराज की भांति कार्य करेंगे. दिल के एक साफ इंसान रहेंगे.

इसके अलावा मंगल में राहु की अंतर्दशा 10 अक्टूबर 2024 तक रहेगी. हालांकि, यह समय उनके लिए अच्छा है. कुंडली में कोई भी राजयोग ना होने के कारण यह सत्ता पक्ष में नहीं आ पाएंगे. 

राहुल गांधी जी की कुंडली में कोई भी राजयोग नहीं बनता है जिसकी वजह से शासन सत्ता का उपभोग इनके भाग्य में नहीं है.