शनिदेव की पूजा के वक्त कभी ना करें ये काम, होगा उल्टा असर
शनि देव की पूजा में कुछ बातों का खास ख्याल रखा जाता है. कहते हैं कि शनि देव की पूजा में की गई गलतियों के परिणाम भुगतने पड़ते हैं.
शनिवार के दिन शनि महाराज को काले तिल और उड़द दाल की खिचड़ी चढ़ाई जाती है.
शनिवार के दिन काला तिल शनिदेव को अर्पित करने से प्रसन्न होते हैं लेकिन कभी भी शनिदेव को सफेद तिल नहीं चढ़ाना चाहिए.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनि देव को सफेद तिल चढ़ाने और दान करने से शनि की अशुभ छाया का प्रभाव बढ़ जाता है.
शनिदेव की पूजा के बाद अगर भोग में खिचड़ी चढ़ा कर रहे हैं, तो उसमें मसूर की दाल भूलकर भी न डालें. ऐसा करने से शनिदेव क्रोधित हो जाते हैं.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनि देव की पूजा सुबह या दोपहर नहीं बल्कि सूर्यास्त के बाद करनी चाहिए. मान्यतानुसार, सूर्योदय के समय सूर्य की किरणें शनि की पीठ पर पड़ती हैं.
शनि देव अपने पिता सूर्य से शत्रुता का भाव रखते हैं. यही वजह है कि इस दौरान वे पूजा स्वीकार नहीं करते है. ऐसे में शनिवार की सुबह शनि देव की पूजा न करें.
जब भी शनि देव की पूजा करें तो लाल रंग के कपड़े ना पहनें. शनि देव की पूजा के समय आप उनके प्रिय रंग जैसे- नीले और काले रंग के कपड़े पहन सकते हैं.
शास्त्रों के मुताबिक, शनि देव की दिशा पश्चिम दिशा मानी गई है, ऐसे में इनकी पूजा के दौरान आपका मुख पश्चिम दिशा की तरफ ही होना चाहिए.
मान्यता है कि शनि देव की दृष्टि अगर किसी पर पड़ जाए तो उसके सारे काम बिगड़ने लगते हैं. ऐसे में शनि देव की पूजा के दौरान कभी भी सीधे उनकी आंखों में न देखें, बल्कि पूजा के दौरान अपनी नजरें उनके चरणों की तरफ ही रखें.
भगवान शनि को प्रसन्न करने के लिए सरसों के तेल का दीपक जलाया जाता है. लेकिन, ध्यान रखें कि सरसों के तेल का दीपक शनि की प्रतिमा के सामने न जलाएं, बल्कि मंदिर में मौजूद शनि देवता की शिला (पत्थर) के सामने ही जलाएं.