वैदिक ज्योतिष शास्त्र में शनि को क्रूर ग्रह माना गया है. ज्योतिष शास्त्र की गणना के अनुसार, कुछ राशियों को साल 2038 तक शनि की साढ़ेसाती का कष्ट झेलना पड़ सकता है.
शनि देव इस वक्त कुंभ राशि में मौजूद हैं और अगले साल यानी 2025 में मीन राशि में प्रवेश कर जाएंगे. ऐसे में अगले साल मेष राशि में शनि की साढ़ेसाती का पहला चरण शुरू हो जाएगा.
2025 में मीन राशि पर साढ़ासाती का दूसरा और कुंभ राशि पर आखिरी चरण होगा. कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती 3 जून 2027 तक रहेगी.
अगले साल यानी 2025 में शनि के राशि परिवर्तन के साथ ही मेष राशि में साढ़ेसाती शुरू हो जाएगी जो कि 2032 तक रहेगी. वृषभ राशि पर 2027 में शनि की साढ़ेसाती का पहला चरण शुरू होगा.
मिथुन राशि में शनि की साढ़ेसाती की 8 अगस्त 2029 से शुरू होगी जो अगस्त 2036 में समाप्त होगी.
जबकि, कर्क राशि में शनि की साढ़ेसाती मई, 2032 से शुरू होगी. जो 22 अक्टूबर 2038 तक रहेगी.
साल 2025 से 2038 तक मेष, वृषभ, कर्क, कुंभ और मीन राशि से जुड़े लोगों पर शनि की साढ़ेसाती का प्रकोप रहने वाला है.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, 2025 में जब शनि देव मीन राशि में प्रवेश करेंगे तो मकर राशि के लोगों को शनि की साढ़ेसाती से मुक्ति मिल जाएगी.
जबकि कर्क और वृश्चिक राशि से संबंधित लोगों को शनि की ढैय्या से छुटकारा मिल जाएगा.