सनातन धर्म में जिस प्रकार राम नवमी का महत्व है उसी तरह सीता नवमी का भी खास महत्व है. वैशाख शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को सीता जी का प्राकट्य हुआ था.
सीता नवमी के दिन कुछ खास उपायों को करने से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है. साथ ही मनचाहे वर प्राप्ति की कामना भी पूरी होती है. इसके अलावा धन से जुड़ी दिक्कतें भी दूर होती हैं.
अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए सीता नवमी के दिन किया गया उपाय फलदायी साबित होता है. पति की दीर्घायु के लिए माता सीता को 16 श्रृंगार की वस्तुएं अर्पित करें.
इसके बाद जानकी रामाभ्याम् नमः इस मंत्र का 108 बार जाप करें. मान्यता है कि ऐसा करने पति की लंबी उम्र का वरदान प्राप्त होता है. जिससे महिलाएं अखंड सौभाग्यवती रहती हैं.
सीता नवमी मनोनकूल वर प्राप्ति के लिए भी खास मानी गई है. इस दिन अविवाहित कन्याओं को माता सीता के साथ-साथ प्रभु श्रीराम की पूजा करनी चाहिए.
पूजन के दौरान जानकी स्तोत्र का पाठ करने से मनचाही शादी का वरदान प्राप्त होता है, ऐसी मान्यता है.
सीता नवमी, विवाह में आ रही अड़चनों को दूर करने के लिए भी खास है. मान्यतानुसार, सीता नवमी के दिन हल्दी की पांच गांठ को पीले कपड़े में बांधकर सीता जी को चढ़ाने से शादी में आ रही रुकावटें दूर हो जाती हैं.
मां सीता को धन की देवी मां लक्ष्मी का भी स्वरूप माना गया है. ऐसे में सीता नवमी पर आज मां सीता को खीर का भोग लगाएं.
प्रसाद के तौर पर कम के कम 5 कन्याओं को भी दें. कहा जाता है कि सीता नवमी पर ऐसा करने से पैसों से जुड़ी दिक्कतें धीरे-धीरे दूर होने लगती हैं.