71 साल बाद सूर्य ग्रहण के दिन आसमान में नजर आएगा दुर्लभ नजारा

हेली सिरीज का डेविल कॉमेट यानी 12पी/पॉन्स-ब्रूक्स 71 साल में अपनी कक्षा का एक चक्कर पूरा करता है. एक महीने पहले सौरमंडल में इसका प्रवेश हुआ है. 

जिस दिन से डेविल कॉमेट यानी 12पी/पॉन्स-ब्रूक्स ने सौर मंडल में प्रवेश किया है तभी से दुनियाभर की स्पेस एजेंसियों के वैज्ञानिक इस पर नजर रखे हुए हैं. 

बीएचयू के अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के मुताबिक, आकार में एवरेस्ट जितना बड़ा दानव यानी डेविल कॉमेट सूर्य के नजदीक आने के साथ ही चमकदार होता जा रहा है.

अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के मुताबिक, आने वाले 21 अप्रैल को यह और भी अधिक चमकीला नजर आएगा. जिस पर काशी के अंतरिक्ष वैज्ञानिकों की भी नजर है. 

8 अप्रैल को लगने वाले सूर्य ग्रहण के दौरान जहां ग्रहण लगेगा उन इलाकों में धूमकेतु डेविल कॉमेट को देखा जा सकता है. इसके अलावा यह 21 अप्रैल को भी सूर्य के करीब पहुंचने पर दिखाई देगा. 

वैज्ञानिकों के मुताबिक, 21 अप्रैल को सूर्य से इसकी दूरी 1168 किलोमीटर होगी. इसके 42 दिनों के बाद यानी जून में यह पृथ्वी के करीब से गुजरेगा. उस वक्त डेविल कॉमेट को सिर्फ दक्षिणी गोलार्ध में देखा जा सकेगा. 

दानव धूमकेतु इल वक्त वैज्ञानिकों में कौतुहल का विषय बना हुआ है. इस पर लगातार आण्विक विस्फोट होते हैं. 

12पी/पॉन्स-ब्रूक्स यानी दानव धूमकेतु पर अब तक हुए अध्ययन के मुताबिक यह गैसों के बना हुआ है. लेकिन, यह एक पिंड की तरह काम करता है.

12पी/पॉन्स-ब्रूक्स में ज्वलनशील गैसों के उच्च दबाव से ही इस पर सींग जैसी आकृति बनी हुई है. इसका डेविल कॉमेट नाम पड़ने के पीछे यही वजह है.