दक्षिण दिशा क्यों है अशुभ, ये बात जानने पर नहीं होगा नुकसान

वास्तु शास्त्र में हर दिशा का खास महत्व है. प्रत्येक दिशा किसी ना किसी देवता के जुड़ी है. 

दक्षिण दिशा भी चार मुख्य दिशाओं में से एक है. दक्षिण दिशा का संबंध यम और पितर देव से है. ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, दक्षिण दिशा मंगल देव से जुड़ा हुआ है. 

इस दिशा को अच्छा नहीं माना गया है. अक्सर लोग दक्षिण मुख वाले फ्लैट, प्लॉट या घर खरीदने से बचते हैं. 

वास्तु शास्त्र के जानकार बताते हैं कि दक्षिण दिशा मुख वाले घर में रहने से जीवन में मुश्किलें आने लगती हैं. 

दक्षिण दिशा को सबके लिए अशुभ नहीं मान गया है. यह दिशा शक्ति, साहस और अपार धन देने वाली होती है. मंत्र शक्ति और साधना के लिए यह दिशा बेहद शुभ फलदायी है. 

घर के मुखिया को घर के दक्षिण दिशा में रहना बेहद शुभ होता है. दक्षिण दिशा अग्नि की मुख्य दिशा मानी गई है. इसलिए इसे आग्नेय (अग्नि की दिशा) भी कहा जाता है.

आग्नेय दिशा में किचन या अग्नि से जुड़ा उपकरण रखना अच्छा होता है. इस दिशा पति-पत्नी का कमरा शुभ नहीं माना गया है.

दक्षिण दिशा में तिजोरी या धन की आलमारी को रखना अच्छा माना गया है. दक्षिण दिशा का लाभ उठाने के लिए उसे हमेशा भारी रखना चाहिए.

दक्षिण दिशा में इलेक्ट्रॉनिक समान और कीमती वस्तुओं को रखना शुभ है. अगर कुंडली में मंगल ठीक है तो इस दिशा में मकान ले सकते हैं.

अगर दक्षिण मुख का फ्लैट या मकान है तो घर में हनुमान जी की पूजा करें और मकान का रंग नीला या सफेद रखें.