नागपंचमी के दिन उत्तर प्रदेश के कई ईलाकों में गुड़िया का पर्व भी मनाया जाता है

इस दिन सर्प पूजन के साथ शाम को गुड़िया की डंडे से पिटाई की जाती है

यह गुडिया बहनों द्वारा सजाई जाती है, जिसके पीछे एक काफी पुरान कथा है

एक धार्मिक कथा के अनुसार, एक समय एक बालक शिव जी का परम भक्त था

पूजा करने वह रोजाना मंदिर जाता था, जहां उसे नाग देवता के दर्शन होते थे

मंदिर में कई नाग उससे लिपट जाते, लेकिन उसे काटते नहीं थे

एक दिन उसकी बहन ने ये सारा नजारा देख लिया और काफी डर गई

भाई की जान पर खतरा समझ उसने डंडे से नाग को पीट कर मार डाला

वहीं हकीकत पता चलने पर उसे काफी पछतावा हुआ

अनजाने में हुई इस गतली पर लोगों ने लड़की की जगह गुड़िया को पीटने की बात कही

तभी से नागपंचमी के दिन गुड़िया पीटने की परंपरा की शुरूआत मानी जाती है