आखिर लाल कपड़े में ही क्यों लाया जाता है बजट? जानें मुख्य वजह

ब्रिटिश काल बजट को लाल कपड़े में लाए जाने की शुरुआत ब्रिटिश काल में हुई थी. उस वक्त लाल रंग के लेदर बैग में बजट पेश किया जाता था.

लाल सूटकेस लाल कपड़े या लाल सूटकेस में बजट को लाने की शुरुआत ब्रिटिश काल में हुई थी. उस वक्त ब्रिटिश सरकार लाल रंग के डिस्पैच बॉक्स में लाती थी.

लाल बैग ब्रटिश काल में लेदर से बने लाल बैग में एक हैंडल भी होता था. ताकि उसे आसानी से उठाया एक जगह से दूसरी जगह लाया जा सके.  

सरकार के अधिकार उस वक्त बजट में लाल रंग का इस्तेमाल बजट के प्रयोग और सरकार के अधिकार को दर्शाने के लिए किया जाता था. जिसकी परंपरा आज भी है. 

ऊर्जा और शक्ति बजट प्रस्तुत करने के लिए लाल रंग का इस्तेमाल करना बेहद खास माना जाता है. लाल रंग को ऊर्जा और शक्ति का प्रतीक माना गया है.

सौभाग्य धार्मिक मान्यता के अनुसार, इसका संबंध सूर्य, अग्नि और जीवन से जुड़ा माना जाता है. इसका इस्तेमाल कई संस्कृति में धन, संवृद्धि और सौभाग्य के प्रतीक के रूप में भी किया जाता है.

खास संदेश लाल रंग के कपड़े और सूटकेस में बजट पेश कर सरकार जनता को शक्ति, सामर्थ्य और स्थिरता का संदेश देती है. वहीं लाल रंग को वित्तीय हानि या घाटे का प्रतीक भी माना जाता है.

ब्रिटिश काल 1860 में ब्रिटेन के चांसलर विलियम इवार्ट ग्लैडस्टोन ने फाइनेंसशियल पेपर को बैग में लेकर आए थे. तभी से यह परंपरा चली आ रही है.

लाल लेदर बैग आजाद भारत में 26 नवंबर 1947 को पहले वित्त मंत्री आरके षणमुगम चेट्टी ने लाल रंग के लेदर बैग में बजट पेश किया था.

लाल कपड़ा साल 2019 में निर्मला सीतारमण ने इस परंपरा को तोड़ दिया. तब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लाल रंग के कपड़े में बजट के कागजात को लेकर आई थीं.