'हर हर महादेव' हाथ उठाकर क्यों बोलते हैं? प्रेमानंद महाराज ने क्या कहा, जानिए
उच्च कोटि के संत प्रेमानंद जी महाराज मथुरा के वृंदावन स्थित केलिकुंज में रोजाना भक्तों के बीच सत्संग करते हैं.
संत प्रेमानंद जी महाराज के सत्संग-कथा को सुनने के लिए भक्त दूर-दूर से आते हैं. ये प्रत्येक दिन सुबह आश्रम में सक्संग करते हैं.
संत प्रेमानंद जी के प्रवचन बेहद प्रेक्टिकल और मार्मिक होते हैं. सत्संग के दौरान प्रेमानंद जी भक्तों की जिज्ञसा का भी समाधन करते हैं.
सत्संग के दौरान एक श्रद्धालु ने संत प्रेमानंद जी महाराज से कि आखिर 'हर हर महादेव' बोलते वक्त दोनों हाथ ऊपर क्यों उठाते हैं.
इस प्रश्न का जवाब देते हुए प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि हर कोई अपने आराध्य का नाम हाथ उठाकर बोलते हैं. जिस दौरान अपने दोनों हाथों को उठाते हैं.
प्रेमानंद महाराज ने बताया कि जिस प्रकार हाथ उठाकर जय जय श्री राधे या जय जय सियाराम बोलते हैं. उसी तरह भोलेबाबा का नाम भी हाथ ऊपर उठाकर लिया जाता है.
दोनों हाथ उठाकर हर हर महादेव बोलने का मतलब 'शरणागति' होता है.
प्रेमानंद जी महाराज ने उदाहरण देते हुए कहा कि बंदूक में गोली नहीं बचने पर डकैत पुलिस के सामने दोनों हाथ उठाकर सरेंडर कर देता है.
उसी प्रकार जब भक्त के मन-मस्तिष्क से भय और लालच खत्म हो जाता है तब व्यक्ति भगवान के सामने हाथ ऊपर करके शरणागति कर देता है.
प्रेमानंद महाराज ने बताया कि व्यक्ति जिस इष्ट (आराध्य देव) की उपासना करता है उसी के सामने दोनों हाथ ऊपर करके जय जयकार करता है. यह शरणागति का प्रतीक है.